(Constitution of National Awardee Teachers' Forum)
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प्रस्तावना:
हम राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षको ने गंभीरतापूर्वक स्वयं को एक राष्ट्रव्यापी मंच पर लाने का संकल्प लिया; यह मंच राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक पद की गरिमा को अक्षुण्य रखने तथा पुरूस्कृत शिक्षकों के अधिकारों के संरक्षण उनके सम्मान के अनुरूप वातावरण बनाये रखने के लिए कार्य करेगा। यह मंच राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर शिक्षा नीति तैयार करने तथा उसका क्रियान्वयन करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा।
इस मंच का उद्देश्य पुरुस्कृत शिक्षकों की एकजुटता, अखंडता और कल्याण की भावना को बढ़ावा देना ; आपस में और समान विचारधारा वाले अन्य संगठनों के साथ स्वस्थ भाईचारा और समझ सुनिश्चित करना; छात्रों के शैक्षणिक अनुशासन और करियर को बढ़ावा देना है।
इस हेतु मंच की एक अकादमिक सेल बनाकर छात्रों के शैक्षणिक स्तर, आत्मानुशासन और कैरियर को बेहतर बनाने के लिए समय समय पर सेमिनार,वेबिनार, क्षमतावर्धन कार्यशाला, प्रशिक्षण, उन्मुखीकरण तथा प्रतियोगिताए करवायी जावेगी।
राष्ट्रीय पुरस्कृत मंच के लक्ष्य और उद्देश्य:
हमने अपने राष्ट्रीय
पुरस्कार विजेता शिक्षक मंच के लिए निम्नलिखित लक्ष्य और उद्देश्य अपनाए हैं: (NATF)
लक्ष्य:
1. उत्कृष्टता को पहचानना: शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन और समर्पण का प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करना और उनका जश्न मनाना।
2. व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना: पुरस्कार विजेता शिक्षकों के बीच निरंतर सीखने और व्यावसायिक विकास के अवसर प्रदान करना।
3. सहयोग को बढ़ावा देना: पुरस्कार विजेता शिक्षकों के लिए सहयोग करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और शिक्षण पद्धतियों में नवाचार करने के लिए एक मंच बनाना।
4. शिक्षा के लिए वकालत करना: शिक्षकों के हितों का प्रतिनिधित्व करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने वाली नीतियों की वकालत करना।
5. दूसरों को प्रेरित करना: अन्य शिक्षकों को उनके शिक्षण प्रथाओं में
उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित और प्रेरित करना।
उद्देश्य:
1. कार्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित करना: नियमित कार्यशालाएँ, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करना जो उन्नत शिक्षण तकनीकों, शैक्षिक अनुसंधान और नेतृत्व कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
2. मेंटरशिप प्रोग्राम: मेंटरशिप प्रोग्राम स्थापित करना जहाँ पुरस्कार विजेता शिक्षक कम अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन और समर्थन कर सकें।
3. संसाधन साझा करना: सभी सदस्यों के लिए सुलभ पाठ योजनाओं, शोध पत्रों और निर्देशात्मक सामग्रियों सहित शिक्षण संसाधनों का भंडार विकसित करना।
4. नीति वकालत: शैक्षिक नीतियों और शिक्षक कल्याण में सुधार की वकालत करने के लिए नीति निर्माताओं और हितधारकों के साथ जुड़ना।
5. नेटवर्किंग के अवसर: पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को एक-दूसरे से और विभिन्न क्षेत्रों के शैक्षिक नेताओं से जुड़ने के लिए नेटवर्किंग के अवसरों की सुविधा प्रदान करना।
6. सामुदायिक आउटरीच: शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने वाले सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों की शुरुआत करना और उनमें भाग लेना।
7. अनुसंधान और नवाचार: उत्कृष्ट योगदान के लिए मान्यता प्रदान करके शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना और उसका समर्थन करना।
8. मान्यता कार्यक्रम: विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों के माध्यम से शिक्षण में उत्कृष्टता को मान्यता देना और पुरस्कृत करना जारी रखना।
9. शैक्षिक सामग्री का प्रकाशन: पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की नवीन प्रथाओं और सफलता की कहानियों को उजागर करने वाली पत्रिकाएँ, समाचार पत्र और अन्य शैक्षिक सामग्री प्रकाशित करना।
10. वैश्विक सहयोग: वैश्विक स्तर पर ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक संगठनों के साथ साझेदारी स्थापित करना।
11. पुरस्कृत शिक्षकों की गरिमा : पुरस्कृत शिक्षकों की गरिमा बनाए रखना
तथा उनके हितों की रक्षा के लिए प्रयास करना।।
हम सभी पुरूस्कृत शिक्षक देश मे शिक्षा के उन्नयन के वातावरण को सुरक्षित करने में समर्पित विश्वास को बनाये रखते हुए, हम इस दिन 23 जुलाई 2023 रविवार को मंच के इस संविधान को अपनाते हैं, अधिनियमित करते हैं।
इस मंच के संविधान को निम्न अनुच्छेद में वर्गीकृत किया गया है।
अनुच्छेद 1.
नाम: एसोसिएशन को "राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षक मंच" कहा जाएगा। आगे इसे सिर्फ "मंच" तथा NAT Forum भी कहा जावेगा। सदस्यों के दो तिहाई (66%) बहुमत के आधार पर इस नाम को मंच की बैठकों के दौरान आवश्यकतानुसार परिवर्तित किया जा सकता है।
अनुच्छेद 2.
आदर्श वाक्य: मंच का आदर्श वाक्य "शिक्षकानां हितस्य रक्षणार्थम्" होगा।
अनुच्छेद 3.
(ए) सदस्यता प्राप्त करना:
राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षक मंच में भारतवर्ष से कोई भी शिक्षक जिसने राष्ट्रीय शिक्षक पुरुस्कार अथवा राष्ट्रीय ICT पुरुस्कार अथवा इसके समकक्ष पुरस्कार प्राप्त किया हो वह मंच का सदस्य बन सकता है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णय पर राज्य स्तर पर पुरूस्कृत शिक्षक भी इसकी प्रांतीय इकाई के सदस्य बन सकेंगे।
भविष्य में संघ को विस्तारित करने के लिए राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त शिक्षको को भी इसकी प्रांतीय समिति में सम्मिलित किया जा सकेगा।
प्रत्येक सदस्य अपनी सदस्यता के लिए समय-समय पर तय की जाने वाली सदस्यता शुल्क का भुगतान करके मंच का वास्तविक सदस्य बनने के लिए बाध्य है।
(बी) सदस्यता समाप्त होना:
मंच का कोई भी सदस्य एक निश्चित अवधि के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत द्वारा अनुशासनहीनता और संविधान की अवमानना के आधार पर अपनी सदस्यता खो देगा, साथ ही उसे पद से हटा दिया जाएगा। सदस्यता ग्रहण की अवधि तथा सदस्यता शुल्क को प्रति वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक जमा करना होगा। विलंब से सितंबर माह तक शुल्क जमा न करने पर सदस्य की सदस्यता स्वतः ही समाप्त मान ली जावेगी।
जब कार्यकारिणी सदस्य तथा मंच के पदाधिकारी अपने मूल शिक्षकीय पद से सेवानिवृत्त होंगे तो वे मंच में उन्हें प्राप्त अपने पद से स्वतः विरमित समझें जाएंगे। उनके कार्यों को देख कर उन्हें संगठन में अध्यक्ष तथा महासचिव की अनुशंसा पर सलाहकार तथा मार्गदर्शक की भूमिका में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मंच में सम्मिलित किया जावेगा, किंतु वह संवैधानिक पद नहीं होगा इस कारण आमंत्रित सदस्य वोटिंग में सहभागिता नही करेंगे।
(सी) सदस्यता का लोप:
संघ की सदस्यता निम्नलिखित स्थितियों में समाप्त हो सकती है :-
(क) सदस्यता का त्याग पत्र सम्बन्धित पदाधिकारी / कार्यकारिणी समिति द्वारा स्वीकृत हो जाने पर,
(ख) सदस्यों द्वारा मंच के विरुद्ध अहितकर व्यवहार, अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने पर, जिसका निर्णय कार्यकारिणी करेगी,
(ग) किसी राजनीतिक संगठन की सदस्यता तथा पद प्राप्त करने पर,
(घ) प्रतिवर्ष सदस्यता शुल्क जमा न करने पर ।
अनुच्छेद 4:
कोरम : मंच के कोरम के साथ-साथ कार्यकारिणी का गठन साधारण बहुमत से किया जाएगा।
अनुच्छेद 5:
कार्यकाल: कार्यकारिणी का कार्यकाल 2 वर्ष की अवधि के लिए होगा।
अनुच्छेद 6:
मंच की कार्यकारिणी:
राष्ट्रीय पुरस्कृत शिक्षक मंच की एक 23 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी जिसमें :
1) अध्यक्ष-एक
2) महासचिव-एक
3) उपाध्यक्ष-चार
4) सचिव- छः
5) कोषाध्यक्ष -एक
6) सह-कोषाध्यक्ष-एक
7) प्रवक्ता-दो
8) कोर कमिटी सदस्य- सात
9) विशेष आमंत्रित सदस्य (सलाहकार/मार्गदर्शक)-पांच
इसी प्रकार से प्रत्येक राज्य स्तर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की एक 21 सदस्यों की प्रांतीय कार्यकारिणी होगी जिसमें -
1) प्रान्त अध्यक्ष-एक
2) महासचिव-एक
3) उपाध्यक्ष-चार
4) सचिव- छः
5) राष्ट्रीय प्रतिनिधि-दो
6) प्रवक्ता-एक
7) कोर कमिटी सदस्य- पांच
8) विशेष आमंत्रित सदस्य (सलाहकार/मार्गदर्शक)-पांच
अनुच्छेद 7.
कार्यकारिणी की शक्तियाँ और कार्य:
(1) अध्यक्ष
(ए) मंच की बैठकों की अध्यक्षता करेगा।
(बी) मंच के प्रस्तावों को मंजूरी देगा।
(सी) सभी कार्यकारी सदस्यों के कामकाज का समन्वय करेगा।
(डी) बराबरी की स्थिति में अपना निर्णायक वोट देगा।
(2) उपाध्यक्ष
(ए) अध्यक्ष की अनुपस्थिति के दौरान कार्यपालन करेगा।
(बी) मंच के चुनाव मामलों की देखरेख करेगा।
(सी) सभी सामान्य परिस्थितियों में अध्यक्ष की सहायता करेगा।
(3) महासचिव
(ए) मंच के सभी पत्राचार के लिए जिम्मेदार होगा।
(बी) मंच के सभी मिनटों और कार्यवाही को रिकॉर्ड रखेगा।
(सी) अध्यक्ष के परामर्श से बैठकें बुलाएगा।
(4) सचिव
(ए) मंच के सभी पत्राचार के लिए सहयोगी होगा।
(बी) मंच के सभी मिनटों और कार्यवाही को रिकॉर्ड रखेगा।
(सी) पत्राचार हेतु ड्राफ्ट तैयार करेगा।
(4) कोषाध्यक्ष
(ए) मंच के फंड का संरक्षक होगा
(बी) मंच की सभी आय और व्यय को रिकॉर्ड रखेगा।
(5) कोर कमिटी सदस्य
(ए) मंच के नीतिगत निर्णय में भाग लेगा।
(बी) राज्य एवं केन्द्रीय इकाई में समन्वय करेंगे।
(6) विशेष आमंत्रित सदस्य (सलाहकार/मार्गदर्शक)-पांच
(ए) मंच को समय-समय पर सुझाव देंगे।
(बी) राज्य व केंद्रीय सदस्यों तथा पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे।
(सी) यह पद संवैधानिक न होने से वोटिंग में सहभागिता नही करेंगे।
अनुच्छेद 8:
वित्तीय व्यवस्था
(क) मंच के आय के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित होंगे :-
1. वार्षिक सदस्यता शुल्क,
2. विशिष्ट कार्यों हेतु प्राप्त सदस्यों से विशिष्ट सहायता धन,
3. मंच के मुखपत्र हेतु नियमानुकूल प्राप्त धन,
4. अन्य विविध प्राप्तियां
(ख) आय व्यय संबंधी प्रमुख शीर्षक निम्नलिखित होंगे :-
1. कार्यालय व्यय,
2. आवश्यकता अनुसार मुद्रण व्यय,
3. बैठक हेतु व्यय,
4. मंच के मुखपत्र का प्रकाशन,
5. अन्य विवध व्यय
राज्य तथा केद्र का अंशदान - सभी प्रारकार के शुल्क एवं धन संग्रह की जिम्मेदारी राज्य इकाई की होगी l राज्य इकाई द्वारा संगृहीत धनराशि में से राज्य इकाई 80 प्रतिशत राशि स्वयं के व्यय हेतु रखकर शेष 20 प्रतिशत का अंशदान राष्ट्रीय मंच को प्रदान करेगी।
धन का रखरखाव - राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष तथा कोषाध्यक्ष अथवा सह-कोषाध्यक्ष द्वारा किसी राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में संयुक्त रूप से खाता खुलवाकर संचालन किया जावेगा किसी कार्य हेतु धन की निकासी अथवा व्यय हेतु महा सचिव के साथ-साथ कम से कम दो सचिवों का अनुमोदन आवश्यक होगा।
टिप्पणी :- मंच के विभिन्न कोषों का प्रबन्ध उपनियमावली के अनुसार होगा ।
अनुच्छेद 9:
मंच के संविधान में संशोधन:
संविधान उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत द्वारा अनुमोदित परिवर्धन, विलोपन या संशोधन के माध्यम से संशोधन के अधीन है।
अनुच्छेद 10:
मंच का कार्यालय:
मंच के संचालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इसका कार्यालय नई दिल्ली में होगा। आवश्यकता होने पर बहुमत के आधार पर मंच के प्रांतीय तथा क्षेत्रीय कार्यालय भी खोले जा सकते हैं जिनका स्थान निर्धारण कार्यकारिणी करेगी।
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National Office : E-107 Prashant Vihar, Rohini, Delhi-110085
Email: natforumindia@gmail.com, Contact: 9785984283/9899617985