संकलन
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर
अधिक ऊँचाई पर पर्वतारोहियों की नाक से रक्त बहने लगता है, क्यों?
Ans:
जैसे-जैसे हम पृथ्वी से ऊपर जाते हैं वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है। शरीर के भीतर रक्त का दाब अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण रक्त की कोशिकाएँ फट जाती हैं और नाक से रक्त बहने लगता है।
Q:
आभूषण बनाने के लिए सोने व चाँदी का उपयोग क्यों किया जाता है?
Ans:
सोना व चाँदी उत्कृष्ट धातु हैं। यह आघातवर्धनीय तथा तन्य हैं तथा लम्बे समय तक वायु, जल, अम्लीय या क्षारीय पदार्थो द्वारा प्रभावित नहीं होती इसी निष्क्रिय गुण के कारण इनकी चमक लम्बे समय तक बनी रहती है। इसलिए इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
Q:
ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है फिर भी पहाड़ों पर रहने वाले व्यक्ति बड़ी सक्रियता से अपने जीवन की गतिविधियाँ कैसे कर लेते हैं?
Ans:
अधिक ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है फिर भी ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों के निवासी बड़ी सक्रियता से जीवन की गतिविधियाँ कर लेते हैं क्योंकि ऐसे क्षेत्र के निवासी अधिक ऊँचाई के प्रति अनुकूलित हो जाते है।इनकी वक्षगुहा का आयतन अधिक होता है जिससे इनके फेफड़ों के वायुकोषों का सतही क्षेत्र अधिक हो जाता है।इनके रुधिर में लाल रुधिर कणिकाओं की संख्या अधिक होती है तथा ऊतकों जे मध्य अपेक्षाकृत अधिक सघन कोशिका जाल होता है। परिश्रम करने से उनकी पेशियों में कम केशिका किण्वन होता है और लेवटेर की मात्रा कम बनती है अतः इन्हें श्रम से होने वाली थकान को दूर करने के लिये कम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
Q:
उच्च वोल्टेज पर धारा ले जाने वाले तार में धारा चालू करते ही तार पर बैठी चिड़िया उड़ जाती है। क्यों?
Ans:
धारा चालू करते ही चिड़िया के शरीर में प्रेरित धारा बहने लगती है। उसके दोनों पंख विपरीत धाराओं के कारण परस्पर प्रतिकर्षित होकर फ़ैल जाते हैं। अतः चिड़िया विद्युत् धारा चालू करते ही उड़ जाती है। हिमोग्लोबिन यौगिक बनाती है जिससे हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन शोषित करने में असमर्थ हो जाता है और रक्त का शोधन नहीं हो जाता है इससे दम घुटने लगता है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
Q:
एक कार तथा ट्रक दोनों बराबर वेग से चल रहे हैं। इनमें से किसे रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी?
Ans:
संवेग, वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणफल के बराबर होता है। चूँकि कार व ट्रक का वेग बराबर है किन्तु ट्रक का द्रव्यमान, कार की तुलना में अधिक है अतः ट्रक का संवेग, कार की तुलना में बहुत अधिक होगा,अतः संवेग के विपरीत ट्रक को रोकने के लिये अधिक बल की आवश्यकता होगी।
Q:
एक गाड़ी में सवार व्यक्ति गाड़ी के एकाएक चल पड़ने पर वह पीछे की ओर क्यों झुक जाता है?
Ans:
एक गाड़ी में सवार व्यक्ति गाड़ी के एकाएक चल पड़ने पर वह पीछे की ओर झुक जाता है क्योंकि स्थिर जड़त्व के सिद्धांत के कारण ऐसा होता है, स्थिर जड़त्व के सिद्धांत के अनुसार जो वस्तु स्थिर अवस्था में है तो वह स्थिर अवस्था में ही रहना चाहती है। जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल जमाकर इसे गतिशील नहीं बना दिया जाये। गाड़ी में सवार व्यक्ति जैसे ही गाड़ी चलती है आधार भाग गाड़ी के साथ गतिशील हो जाता है किन्तु ऊपर बांया भाग अभी भी स्थिर अवस्था में ही रहता है,यही कारण है कि जैसे ही गाड़ी एकाएक चलती है तो इसमें सवार व्यक्ति पीछे की ओर झुक जाता है।
Q:
एक खाली कमरे में ध्वनि तेज़ सुनाई देती है जबकि वही ध्वनि भरे हुए कमरे में धीमी सुनाई देती है?
Ans:
भरे हुए कमरे में ध्वनि ऊर्जा का कुछ भाग उपस्थित वस्तुओं द्वारा अवशोषित हो जाता है अतः ध्वनि की तीव्रता घट जाती है और वह धीमी सुनाई देती है।
Q:
एक गत्ते की चकती जिस पर क्रमशः लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी रंग किया हुआ है। इसे तेजी से घुमाने पर हमें रंगहीन क्यों दिखाई देती है?
Ans:
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब चकती तेजी के साथ घूम रही होती है तो हमारी आँखों के लिये रंगों को अलग-अलग देख पाना सम्भव नहीं होता है। हमें तो रंगों का एक मिला-जुला प्रभाव ही नजर आता है और चूँकि ये सारे वे ही रंग है जो सूर्य के प्रकाश में समाये रहते हैं। अतः इसका मिलाजुला प्रभाव भी वैसा ही होता है, रंगहीन बिलकुल सफ़ेद।
Q:
एक जार में खाने के सोडे के संतृप्त विलयन में सिरका डालकर नेफ़्थलीन की बॉल डालने पर बॉल नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे की ओर गति क्यों करती है?
Ans:
एक जार में खाने के सोडे के संतृप्त विलयन में सिरका डालकर नेफ़्थलीन की बॉल डालने पर बॉल नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे की ओर गति करती है क्योंकि सिरका तथा खाने का सोडा आपस में क्रिया करके CO2 गैस बनाते हैं और यह CO2 गैस बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती है जिसके कारण नेफ्थालिन की बॉल ऊपर नीचे गति करती है।
Q:
एक तार को बार-बार तोड़ने के लिये मोड़ने पर टूटे हुये तार का टुकड़ा गर्म क्यों महसूस होता है?
Ans:
एक तार को बार-बार तोड़ने के लिये मोड़ने पर टूटे हुये तार का टुकड़ा गर्म महसूस होता है क्योंकि उसमें उपस्थित अणुओं की गति तीव्र हो जाती है।
Q:
एक वृद्ध व्यक्ति को द्वि-फोकसीय लैंस का चश्मा लगता है इसमें ऊपर तथा नीचे वाले भाग में कौन से लैंस होते हैं?
Ans:
आयु में वृद्धि के साथ लैंस का लचीलापन कम होता जाता है जिसके कारण नेत्र की संमजन क्षमता कम होती जाती है जिससे वह दूर व पास स्थित दोनों ही वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है। ऐसे में द्वि-फोकसीय लैंस का चश्मा लगता है। इसमें नीचे का भाग उत्तल लैंस(पास की वस्तुओ को साफ देखने के लिये) तथा ऊपर का भाग अवतल लैंस(दूर की वस्तु को साफ़ देखने के लिये) लगाया जाता है।
Q:
एक ही जगह गोल घुमने के बाद रुक जाने पर भी चक्कर क्यों आते हैं?
Ans:
हमारे शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिये अन्तःकर्ण के भीतरी हिस्से में तीन अर्धवृत्ताकार नलिकायें होती है जिनकी दीवारों पर सूक्ष्म रोम होते है इन नलिकाओं में द्रव भरा होता है। सामान्य अवस्था में यह द्रव स्थिर रहता है किन्तु गोल-गोल घुमने पर यह द्रव भी गति करने लगता है तथा सूक्ष्म रोमों द्वारा यह आवेश तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक पहुँच जाती है। रुकने के बाद भी कुछ समय तक गतिशील रहता है। इसलिए ऐसा लगता है जैसे चक्कर आ रहे हों।
Q:
एस्किमो लोग बर्फ की दोहरी दीवारों के मकान में कैसे रह लेते हैं?
Ans:
बर्फ की दोहरी दीवारो के मध्य हवा भरी होती है। हवा ऊष्मा जा कुचालक है, अतः दीवार के अन्दर और बाहर ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होने देती। इस प्रकार मकान के अन्दर का ताप बाहर की तुलना में अधिक बना रहता है तथा एस्किमो लोगों की शीत से रक्षा सो जाती है।
Q:
कभी-कभी सूर्य या चन्द्रमा के चारों ओर प्रभामंडल (Haloes) दिखाई देता है।क्यों?
Ans:
सूर्य या चन्द्रमा पतले बादल से ढँके होते हैं, तभी प्रभामंडल दिखाई देता है। वास्तव में बादल में बर्फ के ढेर सारे छोटे-छोटे क्रिस्टल होते हैं। इन बर्फीले क्रिस्टलों से प्रकाश का अपवर्तन होता है जिसके कारण ही प्रभामंडल दिखाई देता है।
Q:
किस ध्वनि स्रोत की आवृत्ति में होने वाले उतार-चढ़ाव को क्या कहते हैं?
Ans:
डाप्लर प्रभाव
Q:
किसी भी वस्तु को ऊँचाई की ओर फेंकने पर भी वस्तु पुनः पृथ्वी की ओर ही क्यों आती है?
Ans:
किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंकने पर भी वस्तु पुनः पृथ्वी की ओर ही आती है क्योंकि प्रत्येक वस्तु पर पृथ्वी द्वारा गुरुत्वाकर्षण बल लगाया जाता है। इसी गुरुत्व बल के कारण वस्तुयें पुनः पृथ्वी की ओर लौटकर आ जाती है। यदि वस्तुओ को पलायन वेग से फैंका जाये तो वह पृथ्वी पर पुनः नहीं आ पायेगी।
Q:
किसी मिट्टी के कुल्हड़ पर ईट रखने से कुल्हड़ नहीं टूटता है किन्तु ऊँचाई से ईट गिरने पर कुल्हड़ क्यों टूट जाता है?
Ans:
कुल्हड़ पर ईट रखने से कुल्हड़ नहीं टूटता है क्योंकि उसमें कार्य करने की क्षमता नहीं है जबकि ऊँचाई से ईट गिरने पर कुल्हड़ टूट जाता है क्योंकि उसमें गतिज ऊर्जा के कारण कार्य करने की क्षमता उत्पन्न हो गई। इसी गतिज ऊर्जा के कारण कुल्हड़ टूट जाता है।
Q:
किसी वस्तु को गर्म करने पर वह पहले लाल क्यों दिखाई देता है?
Ans:
जब किसी वस्तु को गर्म किया जाता है,तो ताप कम होने पर अधिक तरंगदैधर्य के विकिरण उत्सर्जित होते हैं। दृश्य प्रकाश में लाल रंग का तरंगदैधर्य अधिक होता है। अतः किसी वस्तु को गर्म करने पर सर्वप्रथम वह लाल दिखाई देता है।
Q:
कैसे भर जाते हैं जख्म?
Ans:
जैसे ही त्वजा पर कोई कट लगता है, कटी हुई रक्त वाहिनी से रक्त बाहर आने लगता है तथा रक्त में मौजूद फिबरिन नामक प्रोटीन लम्बे तन्तु बनाने लगती है। जो आपस में मिलकर थक्का बुन लेते है। थक्का घाव को ढककर रक्त प्रवाह को बंद कर देता है। रक्त का थक्का बनने के साथ-साथ श्वेत रुधिर कणिकाएं भी घाव में आ जाती है तथा अन्दर प्रवेश करने वाले जीवाणु पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देती है। थक्के के नीचे कट के किनारों पर कोशिकायें शीघ्रता से विभाजित होने लगती है तथा कटके ऊपर आवरण बनाने लगती है। चार पाँच दिन में यह आवरण मोटा होकर त्वजा की नई परत बना देता है तथा घाव भरने की क्रिया पूरा होने के बाद एक शुष्क पपड़ी उतर जाती है।
Q:
कैसे रंग देता है पान, मुख को?
Ans:
पान बनाते समय कत्था व चुना लगाया जाता है। इस कत्थे में एक पदार्थ होता है जिसे कतेचू कहते है। यह कतेचू चूने से बने क्षारीय माध्यम में आक्सीजन से क्रिया करके कतेचूटैनिक अम्ल बनाता है। यह कटैचू टैनिक अम्ल लाल रंग का यौगिक होता है जो मुख को रंग देता है।
Q:
किसी वस्तु की छाया क्यों बनती है? पारदर्शी वस्तुओं की छाया क्यों नहीं बनती?
Ans:
जब कोई अपारदर्शी वस्तु किसी प्रकाश मार्ग में आती है तो उस वस्तु द्वारा प्रकाश को आर-पार जाने से रोका जा सकता है। इस स्थिति में वस्तु की दूसरी ओर प्रकाशहीन क्षेत्र बन जाता है,जो वस्तु की छाया होती है। पारदर्शी वस्तु द्वारा प्रकाश जी किरणों को रोका नहीं जाता,अतः पारदर्शी वस्तु की छाया नहीं बनती।
Q:
कोहरा कैसे बनता है?
Ans:
सर्दियों की रात्रि में जब बादल नहीं होते है तब पृथ्वी की सतह अत्यधिक ठंडी ही जाती है तथा वायु में उपस्थित जल वाष्प संघनित होकर कणों के रूप में एकत्र हो जाती है व वातावरण घना हो जाता है जिस कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक आसानी से नहीं पहुँच पाता है और कुछ दुरी की वस्तु भी साफ़ दिखाई नहीं देता है। इसी स्थिति को कोहरा कहते है।
Q:
कौनसा पदार्थ जो केवल हमारे देश मे पाया जाता है ?
Ans:
अभ्रक
Q:
क्या कारण है कि नीले लिटमस पत्र को निम्बू के रस में डुबाने पर वह गुलाबी रंग का हो जाता है जबकि पानी व दूध में डुबाने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है?
Ans:
नीला लिटमस पत्र अम्ल के साथ क्रिया करके गुलाबी रंग देता है। नींबू के रस में अम्लीय गुण होने के कारण वह गुलाबी हो जाता है जबकि दूध व पानी उदासीन प्रकृति के होने के कारण लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं।
Q:
क्या कारण है कि चूने के पानी से भरी टेस्ट ट्यूब में फूँक मारने पर वह दुधिया रंग का हो जाता है किन्तु और फूँके मारने पर यह दुधिया रंग समाप्त हो जाता है?
Ans:
चूने के पानी से भरी टेस्ट ट्यूब में फूँक मारने से चूने के पानी का रंग दुधिया हो जाता है क्योंकि फूँक के साथ निकली कार्बनडाई आक्साइड गैस चूने के पानी के साथ क्रिया करके यह अविलेय केल्सियम कार्बोनेट बनाती है। इसी केल्सियम कार्बोनेट के कारण चूने के पानी जा रंग दुधिया हो जाता है। परन्तु अधिक मात्रा में CO2 गैस प्रवाहित करने पर यह जल में विलेयशील होकर केल्सियम बाई कार्बोनेट बनाता है तथा दुधिया रंग समाप्त हो जाता है।
Q:
क्या कारण है कि कुल्फी या आइसक्रीम बनाने वाला व्यक्ति हिम्म्कारी मिश्रण बनाते समय उसमें नमक का उपयोग करता है?
Ans:
कुल्फी या आइसक्रीम बनाने वाला व्यक्ति हिम्मकारी मिश्रण बनाते समय उसमें नमक का उपयोग करता है क्योंकि नमक बर्फ के गलनांक को बढ़ा देता है। बर्फ को पिघलने से रोकता है अर्थात बर्फ उच्च तापमान पर पिघलती है जिससे बर्फ काफी समय तक पानी में नहीं भाप पानी और कुल्फी व आइसक्रीम जमी रहती है।
Q:
क्या कारण है कि लोहे की बनी गेंद जल में डूब जाती है परन्तु लोहे की जहाज जल पर तैरती है?
Ans:
जब लोहे की गेंद को जल में डुबाया जाता है तो वह अपने आयतन के बराबर जल हटाता है, चूँकि लोहे की गेंद का आयतन कम है अतः वह कम मात्रा में जल हटा पाती है जिससे उत्पलावन बल का मान कम होने से तथा लोहे की गेंद जल में डूब जाती है। जब जहाज चपटा होने के कारण उसका आयतन अधिक होता है तथा वह अधिक मात्रा में जल हटाता है जिससे उत्पालवन बल का मान बढ़ जाता है तथा जहाज जल सतह पर तैरता रहता है।
Q:
क्या कारण है कि नौसादर, आयोडीन और कपूर के गरम करने पर ये बिना पिघले ही सीधे गैसीय अवस्था में आ जाते है?
Ans:
नौसादर,आयोडीन तथा कपूर के अणुओं के मध्य संसणक बनकर मान बहुत कम होता है। गर्म करने पर यह संसणक बल नष्ट हो जाता है तथा अणु स्वतन्त्र होकर गैसीय अवस्था में आ जाते है। अतः इन पदार्थो को गर्म करने पर ये बिना द्रव अवस्था में आये सीधे ही गैसीय अवस्था में आ जाते है। पदार्थो के इस गुण को उर्ध्वपातन कहते हैं।
Q:
क्या कारण है कि शीशे में हम अपने को तो तब ही देख पाते हैं जब इसके ठीक सामने होते हो पर ऐसी और बहुत -सी चीजें जरुर दिख जाती है, जो शीशे के सामने नहीं होती?
Ans:
कोई भी वस्तु तब दिखाई देती है जब प्रकाश स्रोत से चली प्रकाश की किरणें वस्तु से टकरा कर हमारी आँखों तक पहुँचती है। इसे प्रकाश का परावर्तन कहते है। शीशे में हम अपने आपको तभी देख सकते है जब हमसे चली प्रकाश की किरण शीशे पर लम्बवत कराये।ऐसा तब ही हो सकता है जब हम शीशे के ठीक सामने खड़े हो। परन्तु शीशे के सामने न होने पर भी काफी और सारी वे वस्तुएँ भी दिखाई देती है जिनसे चला हुआ प्रकाश शीशे से टकराने के बाद हमारी आँखों तक पहुँच जाता है।
Q:
क्या कारण है कि समान लम्बाई व मोटाई की पीतल, एल्यूमिनियम एवं तांबे की छड़ पर मोम से चिपकी कंचे को एक साथ लौ पर गरम करने पर तांबे की छड़ का कंचा पहले अलग होता है?
Ans:
समान लंबाई व मोटाई की पीतल,एल्यूमिनियम व ताँबे की छड़ें जिसके एक सिरे पर मोम की सहायता से काँच के कंचे चिपकाये गये है और यदि तीनों छड़ों को एक साथ गर्म किया जाये तो ताँबे की छड़ का कंचा पहले गिरता है क्योंकि ताँबा , एल्यूमिनियम व पीतल की तुलना में ऊष्मा का बेहतर सुचालक है, अतः ताँबे की छड़ जल्दी गरम होकर कंचे को पृथक कर देता है।
Q:
क्या कारण है कि साबुन हाथों की चमड़ी व वस्त्रों को नुकसान पहुँचाते है जबकि अपमार्जक नहीं?
Ans:
साबुन का जलीय विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है अतः यह वस्त्रों एवं हाथों की चमड़ी के लिये हानिकारक है।जबकि अपमार्जक का जलीय विलयन उदासीन होता है अतः अपमार्जक बिना किसी हानि के कोमल रेशों से बने वस्त्रों को साफ़ करने में प्रयुक्त किये जाते हैं।
Q:
क्या कारण है कि नीले लिटमस पत्र को निम्बू के रस में डुबाने पर वह गुलाबी रंग का हो जाता है जबकि पानी व दूध में डुबाने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है?
Ans:
नीला लिटमस पत्र अम्ल के साथ क्रिया करके गुलाबी रंग देता है। नींबू के रस में अम्लीय गुण होने के कारण वह गुलाबी हो जाता है जबकि दूध व पानी उदासीन प्रकृति के होने के कारण लिटमस पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं।
Q:
कड़ाके की सर्दी में किसान फसलों को पाले से बचाने के लिये खेतों में पानी क्यों भर देते है?
Ans:
पानी की विशिष्ठ उष्मा मिट्टी से अधिक होने के कारण पानी देर से गर्म होता है व देर से ठण्ड होता है। रात्रि के समय जब ठण्ड पड़ने लगती है तो पानी देर से ठंडा होता है तथा आसपास का वातावरण गर्म बना रहता है अतः किसान सर्दी के दिनों में अपनी फसल को पाले से बचाने के लिये खेतों में पानी भर देते हैं।
Q:
ballpoint कलम का आविष्कार किसने किया?
Ans:पेन ब्रदर्स
Q लिटमस अम्लके साथ कौनसी क्रिया करता है reactants औरProduct क्या है? निला रंग किस पदार्थ का था?लाल रंगका क्या बना?
Q:
एक गत्ते की चकती जिस पर क्रमशः लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी रंग किया हुआ है। इसे तेजी से घुमाने पर हमें रंगहीन क्यों दिखाई देती है?
Ans:
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब चकती तेजी के साथ घूम रही होती है तो हमारी आँखों के लिये रंगों को अलग-अलग देख पाना सम्भव नहीं होता है। हमें तो रंगों का एक मिला-जुला प्रभाव ही नजर आता है और चूँकि ये सारे वे ही रंग है जो सूर्य के प्रकाश में समाये रहते हैं। अतः इसका मिलाजुला प्रभाव भी वैसा ही होता है, रंगहीन बिलकुल सफ़ेद।
Q:
आम, टमाटर एवं गूदेदार फलों का स्वस्थ आकार कैसे बना रहता है?
Ans:
कोशिका की पूर्ण स्फीति अवस्था, कोशिका के आकार को बनाये रखती है। सरस एवं गूदेदार फल जैसे आम, टमाटर का स्वस्थ आकार इनकी कोशिकाओं की पूर्व स्फीति के कारण ही होता है।
Q:
कितने डेसीबल तक की ध्वनि को सामान्य एवं कर्णप्रिय माना गया है -
Ans:50
Q:
किस खनिज से रेडियम प्राप्त किया गया था?
Ans:पिच ब्लैंड
Q:
किसी मीनार से पंख व सिक्का गिराने पर सिक्का पृथ्वी पर पहले पहुँचता है जबकि निर्वात में पंख व सिक्का गिराने पर साथ-साथ नीचे क्यों आते हैं?
Ans:
मीनार से पंख व सिक्का गिराने पर सिक्का पृथ्वी पर पहले पहुँचता है क्योंकि गिरने वाली वस्तु का त्वरण उनके द्रव्यमान पर निर्भर करता है तथा सिक्के का द्रव्यमान अधिक होता है अतः यह सिक्का पृथ्वी पर पहले पहुँचता है जबकि निर्वात मे अर्थात स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु का गुरुत्वी त्वरण उनके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करती है अतः पंख और सिक्का नीचे साथ-साथ पहुँचता है।
Q:
गर्मियों में कुओं का पानी ठंडा रहता है जबकि सर्दियों में गरम , क्यों?
Ans:
पृथ्वी ऊष्मा का कुचालक है इसलिए गर्मियों में वायुमंडलीय ऊष्मा पृथ्वी के अन्दर नहीं जाने पाती तथा सर्दियों में पृथ्वी की ऊष्मा वायुमंडल में नहीं आने पाती है, अतः गर्मियों में कुओं का पानी ठंडा तथा जाड़ो में गरम रहता है।
Q:
गर्मियों के दिनों में नाक से अक्सर खून क्यों बहता है?
Ans:
नाक के अन्दर की सतह पर दोनों नाक छिद्रों के बीच की दीवार एक पतली और नम श्लेका (म्यूकस मेम्ब्रेन) से ढ़की रहती है। इस सतह को रक्त ले जाने के लिये कई पतली-पतली रक्त शिरायें होती है। गर्मी के दिनों में वातावरण जब बहुत शुष्क होता है तो इस झिल्ली के सूखने के कारण जोर से छींकने या हल्के झटके लगने पर शिरायें टूट जाती है और नाक से खून बहने लगता है।
Q:
चन्द्रमा का आकार या रूप घटता बढ़ता क्यों है?
Ans:
चन्द्रमा की अपनी कोई रोशनी नहीं होती है यह सूर्य की रोशनी से चमकता है। सूर्य की रोशनी चन्द्रमा के जिस भाग पर पड़ती है उसका वह भाग हमें उस रूप में दिखाई देता है। चन्द्रमा सूर्य से एक कोणीय दुरी पर स्थिति होता है। अमावस्या के बाद सूर्य और चन्द्रमा के बीच की यह कोणीय दुरी बहुत ही कम हो जाती है और चन्द्रमा हमें एक पतली वक्र रेखा के रूप में दिखाई देने लगता है, लेकिन जैसे-जैसे यह कोणीय दुरी बढ़ती जाती है। चन्द्रमा का अधिक से अधिक भाग रोशन होता है तथा उसका आकार बढ़ता हुआ प्रतीत होने लगता है।
Q:
गर्मी के दिनों में पसीना अधिक क्यों आता है?
Ans:
वातावरण में अधिक गर्मी के समय परिश्रम करने पर या कोई काम करते समय शरीर से पसीना आने लगता है। इसका मुख्य कारण जब शरीर बहुत गर्म हो जाता है तो शरीर की स्वेद ग्रन्थियों को सन्देश पहुँचाता है जिसके कारण पसीना त्वजा छिद्रों से बाहर निकलने लगता है तथा पसीना हवा द्वारा वाष्पीकृत होने पर ठंडक महसूस होती है तथा पसीना बाहर निकलने से शरीर की उष्मा भी नियंत्रित रहती है तथा बेचैनी दूर होती है।
Q:
गर्मी में हल्के रंग के कपडे पहनना क्यों पसंद किया जाता है?
Ans:
हल्के रंग के कपड़ों पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश का अधिकतर भाग परावर्तित होकर वापस मुड़ जाता है जबकि गहरे रंग के कपड़े सूर्य के प्रकाश के अधिकतर भाग को अपने मइ समाहित कर लेता है और गर्मी के दिनों में परेशानी पैदा करता है। जबकि हल्के रंग वाले कपड़े इसे वायरस लौटाकर शरीर को शीतलता का अनुभव करते हैं।
Q:
गर्मी के दिनों में रात के समय घरों में अधिक गर्मी लगती है एवं मैदानों में कम गर्मी क्यों लगती है?
Ans:
बंद घरों में दिनभर की संचित गर्मी हवा के बहाव के अभाव में रात्रि के समय धीरे-धीरे ठंडे वातावरण में विलीन होती है जबकि मैदान खुले होने के कारण पेड़-पौधों एवं अन्य साधनों की नमी के कारण या तो ये गर्म होते ही नहीं है या फिर रात्रि के समय जब सूर्य ढलता है तो सम्पूर्ण मैदान की गर्मी तुरंत ही विलीन हो जाती है। यही कारण है कि गर्मियों की रातो में मैदान की अपेक्षा मकान के अन्दर कमरों में अधिक गर्मी लगती है।
Q:
चमगादड़ बिना आँखों के अवरोध की दुरी, दिशा, प्रकृति एवं आकार का पता कैसे लगा लेता है?
Ans:
चमगादड़ उड़ते समय पराश्रव्य ध्वनियाँ (20,000 आवृति से अधिक) उत्पन्न करती है। ये ध्वनियाँ अवरोध से टकराकर वापस आती हैं तथा यही परावर्तित ध्वनियाँ अवरोध की दुरी, दिशा, प्रकृति एवं आकार का अवबोध कराती हैं।
Q:
चाँदी खुली रहने पर काली क्यों पड़ जाती है?
Ans:
चाँदी वायु में उपस्थित हाइड्रोजन सल्फाइड के साथ क्रिया करने से काली पड़ जाती है।
Q:
चिन्ता उम्र क्यों घटाती है?
Ans:
चिन्ता या तनाव से शरीर की ऊर्जा कम होती है इसके अलावा व्यक्ति की प्रतिरोधक कोशिकायें एक प्रकार के रसायन के प्रभाव से जल्दी विघटित होने लगती है जिससे वे उम्र से जुड़ी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है अतः चिन्ता उम्र घटती है।
Q:
चुम्बकीय उत्तर कहाँ पर स्थित है?
Ans:
ग्रीनलैंड के उत्तरी किनारे पर आर्कटिक महासागर में।
Q:
चिड़िया, खुली उच्च शक्ति विद्युत लाइन पर बैठती है तो उसे कुछ नहीं होता , किन्तु जब जमीन पर खड़ा व्यक्ति उसे छू लेता है तो उसे गहरा शाक लगता है। क्यों?
Ans:
जब चिड़िया, खुली उच्च शक्ति विद्युत लाइन पर बैठती है तो चिड़िया और पृथ्वी के बीच विद्युत् परिपथ पूरा नहीं हो पाता, किन्तु जब पृथ्वी पर खड़ा व्यक्ति उसे छूता है तो व्यक्ति और पृथ्वी के बीच विद्युत् परिपथ पूरा हो जाता है जिससे छूने वाले व्यक्ति को गहरा शाक लगता है।
Q:
जब किसी मोटरकार को चालू करते है, तो उसकी हैडलाईट कुछ मंद पड़ जाती है। क्यों?
Ans:
जब मोटरकार को चालू करते हैं, तो स्टार्टर द्वारा बैटरी से अधिक धारा ली जाती है, जिससे सूत्र V=E-Ir के अनुसार बैटरी की प्लेटों के बीच का विभवान्तर कम हो जाता है, जिससे हैडलाईट कुछ मंद पड़ जाती है।
Q:
छोटे-छोटे गड्ढों में मच्छर मारने के लिए मिट्टी तेल क्यों डालते हैं?
Ans:
मच्छर पानी की सतह पर अंडे देते हैं, क्योंकि पानी का पृष्ठ-तनाव अण्डों के भार को संतुलित करता है। पानी की सतह पर मिट्टी तेल डालने से पानी का पृष्ठ-तनाव कम हो जाता है जिससे मच्छर के अंडे पानी में डूब जाते हैं।
Q:
जब मनुष्य नाव से किनारे पर कूदता है तो वह अपने पाँव से नाव को पीछे की ओर धक्का क्यों देता है?
Ans:
जब मनुष्य नाव से किनारे पर कूदता है तो वह अपने पांव से नाव को पीछे की ओर धक्का देता है क्योंकि नाव प्रतिक्रया के फलस्वरूप मनुष्य के विपरीत दिशा में धक्का देती है फलतः मनुष्य किनारे की ओर गति करता है और नाव किनारे से दूर विपरीत दिशा में गति करती है।
Q:
छुईमुई (मिमोसा पुडिका) का पौधा छूने पर क्यों मुरझा जाता है?
Ans:
छूईमुई की पत्तियाँ कई कोशिका की बनी होती है तथा इनमें द्रव पदार्थ भरा रहता है।इस द्रव के दाब से कोशिका की भित्ती दृढ़ रहती है तथा पर्णवृन्त को खड़ा रखने में सहायक होता है। जब इन कोशिकायें द्रव का दाब कम ही जाता है तो पर्णवृन्त तथा पत्तियों की कोशिका को दृढ़ नहीं रख पाटा है जैसे ही कोई व्यक्ति इसकी पत्तियों को छूता है एक संवेदी संवेश पर्णकों तथा पत्तियों के आधार तक पहुँचता है।जिसके परिणाम स्वरूप पत्तियों के निचले भाग की कोशिकाओं में द्रव का दाब गिर जाता है जबकि ऊपरी भाग की कोशिका के दाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है, अतः पत्तियाँ मुरझा जाती है।
Q:
जब हम नायलान अथवा ऊनी कपड़ों को शरीर से उतारते है तो हमारे शरीर के बाल क्यों खड़े हो जाते है?
Ans:
जब नायलान अथवा ऊनी कपड़ों को शरीर से उतारते है तो ये कपड़े हमारे शरीर से रगड़ खाते है। शरीर की त्वजा व कपड़ों के आपस में रगड़ खाने से उन पर विपरीत आवेश आ जाते है, जिससे कारण कपड़े व शरीर की त्वजा एवं दूसरे को आकर्षित करते हैं जिससे शरीर के बाल खड़े हो जाते हैं।
Q:
जब रेलगाड़ी प्लेटफार्म से गुजरती है तो पटरी के पास खड़ा व्यक्ति रेलगाड़ी की ओर खिंचाव बल का अनुभव करता है,क्यों?
Ans:
जब रेलगाड़ी प्लेटफार्म से गुजरती है तो व्यक्ति और रेलगाड़ी के मध्य की वायु तीव्र वेग से गति करती है। फलस्वरूप वायुदाब कम हो जाता है। अतः व्यक्ति रेलगाड़ी की ओर खिंचाव बल का अनुभव करता है।
Q:
जल में तैरना न्यूटन की गति के किस नियम के कारण सम्भव है?
Ans:
तृतीय नियम
Q:
जलने पर ट्यूब लाइट से आवाज क्यों आती है?
Ans:
जब ट्यूब लाइट को जलाया जाता है तो एक ख़ास तरह की आवाज आती है और यह आवाज एक निश्चित समयान्तर से बढ़ती जाती है क्योंकि प्रत्येक ट्यूब लाइट में चौक का प्रयोग किया जाता है।चाक छोटी-छोटी स्टील की प्लेटों की बनी होती है। ये प्लेटें एक के ऊपर एक इस तरह से रखी जाती है कि इनके बीच कुचालक पदार्थ या माध्यम डाला जा सके। काफी समय तक जब ट्यूब लाइट जल चुकी होती है तो कुचालक पदार्थ काला पड़ जाता है और प्लेटों के बंध ढ़ीले पड़ जाते हैं। जब प्रयावर्ती धारा बहती है तो उसमें कम्पन्न उत्पन्न होने लगती है तथा ट्यूब लाइट के चलाने पर आवाज आने लगती है, जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। यह आवाज और भी तेज़ सुनाई देती है। जब प्रतयावर्ती धारा की आवृति चाक में लगी प्लेटों के कम्प्न्नों से उत्पन्न तरंग की आवृति से मेल खाने लगती है। ऐसा अनुनाद होने से आवाज होती है।
Q:
जब कोई व्यक्ति किसी चलती हुई गाड़ी से कूदता है तो वह मुँह के बल आगे की ओर क्यों गिरता है?
Ans:
जब कोई व्यक्ति किसी चलती गाड़ी से कूदता है तो वह मुँह के बल आगे की ओर गिर जाता है क्योंकि जब व्यक्ति गाड़ी में था तब उसका पूरा शरीर भी गाड़ी के वेग से गतिमान था। जब वह कूदता है तब उसके पांव जमीन के लगते ही स्थिर हो जाते है, परन्तु ऊपर का शरीर गाड़ी के वेग से गतिमान रहता है फलस्वरूप व्यक्ति मुँह के बल आगे की ओर गिर जाता है।
Q:
जादू का खेल दिखाने वाले नींबू से खून टपकाता हुआ दिखाते हैं। यह कैसे संभव है?
Ans:
नीम्बू में सीरींज द्वारा मेथील ओरेज प्रवेश कराते है जो नींबू में उपस्थित साइटिक अम्ल से क्रिया करके लाल बिबनेनाइड रूप में परिवर्तित हो जाता है जिससे नींबू का रस लाल हो जाता है। और काटने पर लाल रंग का रस प्राप्त होता है।
Q:
जीव की कतरन(क्लोनिंग) से नया जीव कैसे उत्पन्न करते हैं?
Ans:
डा. विलमट ने वयस्क गर्भवती भेड़ के थनों से कुछ कोशिकायें पृथक कर प्रयोगशाला में पेट्रीडिश में पोषक तत्वों के सहारे विकसित करना प्रारम्भ किया।एक मादा भेड़ से अनिषेचित अंडाणु निकालकर केंद्र पृथक कर उसमें पेट्रीडिश में विकसित हो रही कोशिका का केन्द्रक संलयित किया गया। संलयित कोशिका में जैव रासायनिक क्रियायें प्रारम्भ हो गयी तथा पेट्रीडिश में भ्रूण का निर्माण हो गया।इस तरह इस भ्रूण को तीसरी भेड़ के गर्भाष्य में प्रत्यारोपित किया गया। गर्भाविधि पूर्ण होने पर इस भेड़ से जन्मा बच्चा उस भेड़ का हुबहू था।जिस भेड़ के थनों की कोशिका को पेट्रीडिश में विकसित किया गया था। इस विधि से जन्मी भेड़ को डॉली नाम दिया गया है।
Q:
जीव-जंतु शीत ऋतु में अधिक खाना खाते हैं, क्यों?
Ans:
शीत ऋतु में वातावरण का ताप कम हो जाता है किन्तु जीव-जन्तुओं के शरीर का ताप उतना ही रहता है। इस प्रकार तापान्तर अधिक हो जाने से शरीर से ऊष्मा क्षय होने की दर बढ़ जाती है। अतः शरीर का ताप नियत रखने के लिए वे अधिक खाना खाते हैं।
Q:
जैसे ही स्विच दबाते है बल्ब अपने चारों ओर प्रकाश फैला देती है और कई घंटों, दिनों, महीनों तक वैसे ही काम देता रहता है।कैसे?
Ans:
जैसे ही स्विच दबाते है बल्ब के अन्दर टंगस्टन फिलामेंट में विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है तथा विद्युत के उष्मीय प्रभाव से गर्म होकर प्रकाश देने लगता है किन्तु यह जलकर समाप्त नहीं होता है क्योंकि बल्ब के अन्दर निर्वात होता है किसी प्रकार की कोई वायु नहीं होती है। ऑक्सीजन के अभाव में यह तार जल नहीं पाता क्योंकि ऑक्सीजन ही जलने में सहायक होती है और इस तरह बिजली का बल्ब घंटों तक लगातार जलकर उजाला देता है।
Q:
जो भार पूरी ताकत लगाने पर भी नहीं उठता वही घिरनियों की मदद से आराम से कैसे उठ जाता है?
Ans:
जो भार पूरी ताकत लगाने पर भी नहीं उठता वही घिरनियों की मदद से बड़े आराम से उठ जाता है क्योंकि घिरनियों के प्रयोग से घर्षण बल का मान कम हो जाता है जिससे व्यक्ति को कम ताकत लगानी पड़ती है तथा व्यक्ति कम ताकत से भी भारी वजन को आराम से खिसका लेता है।
Q:
ट्यूबलाइट का बटन दबाते ही तेज प्रकाश कैसे उत्पन्न होता है?
Ans:
ट्यूबलाइट में काँच की नली के दोनों सिरों पर टंगस्टन धातु के तंतु होते है तथा इसमें अल्प दाब पर पारे की वाष्प भरी रहती है। जैसे ही बटन दबाया जाता है टंगस्टन तन्तु से इलेक्ट्रोन उत्सर्जित होते है तथा पारे की वाष्प के अणुओं को आयनित कर देते है जिससे दीप्त विसर्जन होता है इनमें से कुछ प्रकाश तरंगों की तरंग दैधर्य अल्प होती है जिन्हें हम देख नहीं पाते है। अतः इन अदृश्य प्रकाश तरंगों को दृश्य प्रकाश तरंगों में परिवर्तित करने के लिये नली के भीतर की सतह पर प्रतिदीप्त पदार्थ पोत दिया जाता है जो अदृश्य प्रकाश को दृश्य प्रकाश में परिवर्तित करता है इससे ट्यूब लाइट से अधिक प्रकाश प्राप्त होता है।
Q:
ठंड ऋतु में बादल होने पर, रात दिन की अपेक्षा गर्म प्रतीत होती है,क्यों?
Ans:
बादल होने पर दिन के समय सूर्य से आने वाले ऊष्मा-विकिरण बादल से परावर्तित हो जाते हैं अतः दिन ठंडा में ठंडा लगता है, किन्तु रात के समय पृथ्वी के ऊष्मा-विकिरण बादल से परावर्तित होकर पृथ्वी पर ही वापस लौट आते हैं। अतः रात गर्म प्रतीत होती है।
Q:
ठंडा पानी भारी होता है और बर्फ जो ठंडे पानी का ही एक रूप है ठोस होने के बावजूद तैरती है ।कैसे?
Ans:
पानी जैसे-जैसे ठंडा होता है उसके आयतन में कमी आती जाती है और ये भारी होता जाता है 4°C तापमान पर पानी का घनत्व सबसे अधिक एवं आयतन सबसे कम होता है।4°C से कम तापमान पर जब पानी बर्फ में बदलना प्रारम्भ करता है तो उसके घनत्व में कमी आने लगती है एवं आयतन में वृद्धि होने लगती है।बर्फ का घनत्व कम होने के कारण वह पानी की सतह पर तैरता है।
Q:
टेलीफोन में आवाज कैसे सुनाई देती है?
Ans:
टेलीफोन के माउथपीस में जब कोई बोलता है तो ध्वनि माउथपीस के अन्दर के धातु के पतले टुकड़े से टकराती है जिससे प्रतन्तु के थोड़ा दब जाने के कारण कार्बन के कण एकत्र हो जाते है। जब कार्बन के कण एकत्र होते हैं तब विद्युत धारा उसमें से आसानी से प्रवाहित हो जाती है यह विद्युत धारा तारों द्वारा अभिग्राही तक पहुँचती है। धारा प्रवाहित होने पर अभिग्राही में लगा विद्युत चुम्बक अभिग्राही में ही लगे धातु के गोल टुकड़े को आकर्षित करते है जिससे उसमें कम्पन्न उत्पन्न होता है यह कम्पन्न हमें आवाज के रूप में सुनाई देते हैं।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
ठंड ऋतु में उँगली से धातु के टुकड़े को छूने पर वह ठंडा लगता है जबकि लकड़ी का टुकड़ा नहीं,क्यों?
Ans:
धातु का टुकड़ा ऊष्मा का सुचालक होता है। अतः वह हाथ से ऊष्मा लेकर शीघ्र ही अपने अन्दर फैला देता है। अतः हमें ठंडा लगता है। इसके विपरीत लकड़ी का टुकड़ा ऊष्मा का कुचालक होता है। वह हाथ से ऊष्मा उतनी शीघ्रता से नहीं ले पाता अतः हमें कम ठण्डा प्रतीत होता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
तीरंदाज कोई निशाना लगाते है तो इससे पहले वे अपनी आँख को बंद क्यों कर लेते हैं?
Ans:
दोनों आँखों से किसी वस्तु के देखने पर उसकी दुरी व सीध दोनों का पता चलता है, लेकिन दुरी का जितना सही अंदाजा लगता है उतना सीधा जा नहीं। अतः सीध का सही अंदाजा एक आँख से ही लग सकता है यानि की दोनों आँखे खुली रखने पर लक्ष्य व दुरी दोनों को एक साथ केन्द्रित नहीं किया जा सकता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
ठंडे दिनों की तुलना में गर्म दिनों में कार की इंजन को चालू करना आसान होता है, क्यों?
Ans:
ठंडे दिनों में बैटरी का आतंरिक प्रतिरोध अधिक तथा गर्म दिनों में कम होता है। इस प्रकार ठंडे दिनों की तुलना में गर्म दिनों में बैटरी से अधिक धारा प्राप्त होती है। अतः कार इंजन को चालू करना आसान हो जाता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
ताँबा (कॉपर) का शत्रु तत्त्व है?
Ans:
गंधक
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
ट्यूबलाइट का बटन दबाते ही तेज प्रकाश कैसे उत्पन्न होता है?
Ans:
ट्यूबलाइट में काँच की नली के दोनों सिरों पर टंगस्टन धातु के तंतु होते है तथा इसमें अल्प दाब पर पारे की वाष्प भरी रहती है। जैसे ही बटन दबाया जाता है टंगस्टन तन्तु से इलेक्ट्रोन उत्सर्जित होते है तथा पारे की वाष्प के अणुओं को आयनित कर देते है जिससे दीप्त विसर्जन होता है इनमें से कुछ प्रकाश तरंगों की तरंग दैधर्य अल्प होती है जिन्हें हम देख नहीं पाते है। अतः इन अदृश्य प्रकाश तरंगों को दृश्य प्रकाश तरंगों में परिवर्तित करने के लिये नली के भीतर की सतह पर प्रतिदीप्त पदार्थ पोत दिया जाता है जो अदृश्य प्रकाश को दृश्य प्रकाश में परिवर्तित करता है इससे ट्यूब लाइट से अधिक प्रकाश प्राप्त होता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
तिलचट्टे के पार्श्व भाग में मोम का लेप कर देने से क्यों मर जाते हैं?
Ans:
तिलचट्टे के पार्श्व भाग में श्वास रन्ध्र होते है। मोम का लेप करने पर ये ख़ास रन्ध्र बंद हो जाते हैं। श्वास रन्ध्र बंद हो जाने से श्वसन क्रिया रुक जाती है तथा कीट मर जाते हैं।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
धूल प्रदूषण रोकने के लिए सबसे उपयुक्त वृक्ष कौनसा है ?
Ans:
नीम
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
दिन में कमरे में सूर्य का प्रकाश सीधी नहीं आने पर भी कमरे में रोशनी दिखाई देती है इसका क्या कारण है?
Ans:
दिन में कमरे में सूर्य का प्रकाश सीधा नहीं आने पर भी कमरे में रोशनी दिखाई देती है। इसका मुख्य कारण प्रकाश का अनियमित परावर्तन (विसरित परावर्तन) है। विसरित या अनियमित परावर्तन, परावर्तक धरातल की अनियमित सतह (खुरदरी सतह) के कारण होता है। अनियमित परावर्तन में किसी खुरदरे धरातल पर प्रकाश की किरणें समान्तर होने पर भी परावर्तन के पश्चात् समान्तर नहीं होती है। अपितु भिन्न-भिन्न दिशाओं में परावर्तित होती है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
दो कमरों में समान वाट के बल्ब जल रहे है किन्तु उस कमर में अधिक उजाला क्यों दिखाई देता है जिस कमरे में पीला डिस्टेम्पर किया है?
Ans:
पीले रंग का डिस्टेम्पर प्रकाश के 80% भाग का परावर्तन करता है जबकि हरा रंग 38% भाग का परावर्तन करती है। जबकि और गहरा रंग प्रकाश के बहुत कम भाग का परावर्तन करती है।यही कारण है कि गहरे रंग के डिस्टेम्पर से पुते कमरे में उस कमरे से उजाला कम होता है जिनमें हल्के रंग के डिस्टेम्पर से पुताई की गई है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
न्यूक्लिऑन नाम सामान्यत: किसके लिये हैं?
Ans:
प्रोटॉन और न्यूट्रॉन
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
पानी से भरे गिलास में काँच की या प्लास्टिक की नली डालने पर नली में पानी की सतह गिलास के पानी की सतह से ऊपर उठ क्यों जाती है?
Ans:
काँच की नलियां या प्लास्टिक की नली को पानी से भरे गिलास में डालने पर पानी इन नालियों में चढ़ जाता है। यदि नालियां भिन्न-भिन्न व्यास की है जो पानी की सतह इन नालियों में अलग-अलग ऊँचाई तक चढ़ेगी। जिसका मुख्य कारण केशिकात्व बल है ।केशिकात्व बल एक आंसणक बल है जिसके कारण नली की दीवार पानी के अणु को अपनी ओर आकृषित करती है जिसके कारण पानी नली में चढ़ता है। सबसे पतली नली में केशिकात्व प्रभाव सबसे ज्यादा क्रियाशील रहता है क्योंकि इस स्थिति में नली में पानी की सतह के एक बहुत बड़े भाग का किनारों से सीधा संपर्क होता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
पृथ्वी नारंगी के समान है’ यह किसने बताया था?
Ans:
न्यूटन
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
पहाड़ गर्मियों में भी ठंडा क्यों रहता है?
Ans:
पहाड़ो पर वायु विरल होती है अतःक धुल के कण कम होते है जिससे ऊष्मा-विकिरण का अवशोषण कम होता है। साथ ही साथ पहाड़ पर सूर्य की किरणे तिरछी पड़ती है। कई स्थानों पर ये किरणे पहुँच भी नहीं पाती इसलिए गर्मियों में भी पहाड़ ठंडा रहता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
ध्रुवतारा एक ही स्थिर दिखाई देने का कारण है-
Ans:
पृथ्वी के घूर्णन अक्ष की दिशा में स्थित होना
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
नल से बाल्टी में गिरते पानी की आवाज प्रति पल क्यों बदलती रहती है?
Ans:
नल के नीचे रखी बाल्टी एक वायु कोष्ठक या एसर कॉलम की भांति कार्य करती है जब नल से पानी बाल्टी में गिरता है तो आवृति की विभिन्न तरंगें उत्पन्न होती है। बाल्टी में उपस्थित वायु कोष्ठक एक अनुनादक की भांति व्यवहार करता है पानी गिरने से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों में से एक विशेष आवृति की तरंग इसमें से अनुनादित होकर उच्च तीव्रता के साथ सुनाई देती है। अनुनादित तरंग की आवृति प्रायः वायु कोष्ठक की ऊँचाई पर निर्भर करती है जैसे-जैसे बाल्टी में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है वैसे-वैसे बाल्टी में वायु कोष्ठक की ऊँचाई में भी परिवर्तन होता है उधर अनुनादित तरंग की आवृति में भी निरंतर परिवर्तन होता रहता है जिससे बाल्टी से निकलने वाली आवाज भी हमें हमेशा बदलती हुई सुनाई देती है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
मकानों में लगे विद्युत उपकरण समानान्तर क्रम में क्यों लगाये जाते हैं?
Ans:
घरों में लाये जाने वाले विद्युत उपकरण बल्ब, टी.वी.,पंखे, हीटर तथा फ्रीज इत्यादि समान्तर संयोजन में होने से धारा उनके प्रतिरोध के मान के अनुसार (कम प्रतिरोध में अधिक तथा अधिक प्रतिरोध में कम) विभाजित हो जाती है क्योंकि समान्तर क्रम संयोजन में तुल्य प्रतिरोध- 1\R1+1\R2+1\R3 के अनुसार काम हो जाता है प्रत्येक उपकरण का प्रतिरोध भिन्न होने से उसमें प्रवाहित होने वाली धारा का मान भी भिन्न होता है तथा प्रत्येक उपकरण में आवश्यक विद्युत शक्ति तथा ऊर्जा प्राप्त हो जाती है अतः घरों में विभिन्न उपकरणों का संयोजन समान्तर क्रम में किया जाता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
बंदूक की गोली लक्ष्य से टकराने के बाद गर्म क्यों हो जाती है?
Ans:
लक्ष्य से टकराने के पहले गोली में गतिज ऊर्जा होती है। गोली के लक्ष्य से टकराने पर गतिज ऊर्जा का अधिकांश भाग ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है। अतः गोली गर्म हो जाती है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
प्रेशर कुकर में खाना जल्दी क्यों पकता है?
Ans:
खुले बर्तन में खाना बनाने की अपेक्षा ढके बर्तन में खाना जल्दी पकता है क्योंकि पानी से बनने वाली भाप उसमें बेकार नहीं जाती है। ढके बर्तन में दाब भी अधिक होता है नियमानुसार जैसे-जैसे दाब बढ़ता है पानी का क्वथनांक कम होता जाता है। प्रेशर कुकर में दाब अधिक हो जाने के कारण पानी या उसमें पकाये जाने वाले पदार्थो का क्वथनांक घट जाता है जिससे वे जल्दी पक जाते हैं।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
फ्यूज बल्ब में पानी भरकर देखने पर किताब के अक्षर बड़े दिखाई देते हैं। क्यों?
Ans:
बल्ब की दीवार उभरी हुई होती हैं। पानी डालने पर वह उत्तल लेंस की तरह कार्य करने लगता है। अतः अक्षर आवर्धित होकर बड़े दिखाई देते हैं।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
फोटोग्राफी के अँधेरे कमरे में लाल रंग का धीमा प्रकाश क्यों रखा जाता है?
Ans:
लाल रंग के फोटान की ऊर्जा बहुत कम होती है। अतः लाल रंग का फोटोग्राफिक प्लेट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता , इसलिए फोटोग्राफी के अँधेरे कमरे में लाल रंग की धीमी प्रकाश रखा जाता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
मृत्यु के बाद मनुष्य का शरीर क्यों अकड़ जाता है?
Ans:
मनुष्य का शरीर अनेक मांसपेशियों का बना होता है। ये मांसपेशियां अनेक लम्बे-लम्बे पेशी तन्तुओं से बनी होती है। जीवित स्थिति में ये मांसपेशियां लचीली होती है किन्तु मृत्यु के पश्चात् ये कठोर हो जाती है क्योंकि मृत्यु के बाद ये आपस में क्रासब्रिज के द्वारा आपस में जुड़ना प्रारम्भ कर देती है, जिससे तंतुओं का लचीलापन कम हो जाता है तथा मांसपेशियां अकड़ने लगती है। साथ ही मृत पेशियों में कैल्शियम की मात्रा भी कम हो जाती है जिससे भी मांसपेशियां कड़ी हो जाती है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
बैंगन को काटने पर वो तुरंत काले रंग का क्यों हो जाता है?
Ans:
बैंगन में सर्वाधिक मात्रा में आयरन ऑक्साइड पाया जाता है, अतः बैंगन को काटने पर वह काले रंग का हो जाता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र में टेथाइरिज्म रोम (पक्षाघात) अधिक पाया जाता है, क्यों?
Ans:
मध्य प्रदेश के निर्धन आदिवासी लोग खेसारी दाल का निरंतर प्रयोग करते हैं।इस दाल में एक प्रकार का तन्त्रिका विष पाया जाता है जो तन्त्रिका तन्त्र को प्रभावित करता है तथा पक्षाघात रोग हो जाता है।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
मशीनों को ठंडा करने के लिये उनके चारों ओर ठंडा पानी क्यों प्रवाहित किया जाता है?
Ans:
मशीनों को ठंडा करने के लिये उनके चारों ओर ठंडा पानी इसलिए प्रवाहित किया जाता है ताकि पानी की विशिष्ठ ऊष्मा अधिक होने के कारण यह मशीनों से अधिक ऊष्मा ग्रहण कर उन्हें अधिक समय तक ठंडा रख सकें।
[29/09, 3:39 PM] Om Prakash Patidar: Q:
भय से चेहरा पीला क्यों पड़ जाता है?
Ans:
जब हमारे सामने कोई खतरा या भय दिखाई देता है हमारा मस्तिष्क कुछ ऐसे तंत्रिका आवेश भेजता है जो त्वजा की कोशिका अस्थाई रूप से सिकुड़ने को कहते है। कोशिकाओं के सिकुचित हो जाने से चेहरे की रक्त वाहिनियों में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। अतः रक्त बाधित होने से चेहरा पीला पड़ने लगता है।
Q:
मृदु पेय पदार्थो की बोतलों को खोलने पर पेय पदार्थ झाग के साथ बाहर निकलता है क्यों?
Ans:
मृदु पदार्थो में कार्बनडाइ ऑक्साइड को उच्च दाब पर भरा जाता है जैसे ही बोतलों का ढक्कन खोला जाता है यह गैस उच्च दाब से निम्न दाब की ओर बहती है तथा झाग के रूप में बाहर निकलती है।
Q:
मौत का कुआ अक्सर मेलों में दिखाई देता है इस मौत के कुएं में एक चालक तेजी से मोटर साइकिल चलाते हुये उल्टा होने पर भी क्यों नहीं गिरता है?
Ans:
मौत के कुएं में चालक मोटर साइकिल को चलाते हुये उल्टा होने पर भी नहीं गिरने का कारण अपकेन्द्री बल है जिसके कारण किसी वस्तु को वृत्ताकार पथ पर तेजी से घुमाते हुये वृत्त के केंद्र से उसकी अधिक से अधिक दूरी बनाये रखता है। घुमने की गति जितनी तेज होगी यह अपकेन्द्री बल भी उतना ही अधिक होगा। मौत के कुएं में तेजी से मोटर साइकिल चलाते सवार का उल्टा हो जाने पर भी अपनी सीट से चिपका रह पाना इस अपकेन्द्री बल के कारण ही सम्भव है।
Q:
रात्रि में हमारी आवाज तेज क्यों सुनाई देती है?
Ans:
वास्तव में दिन और रात में हमारे गले से निकलने वाले स्वरों का स्तर तो एक सा ही होता है किन्तु दिन की अपेक्षा रात में आवाज अधिक दुरी तक सुनाई देती है क्योंकि रात्रि में दिन की अपेक्षा शोर की तीव्रता भी कम होती है जिससे हमारी आवाज अधिक दुरी तक सुनाई देती है। रात्रि में हवा अपेक्षाकृत ठंडी होती है जिससे हवा की आद्रता बढ़ जाती है।हवा अधिक आद्र होने से उसमें ध्वनि की चाल बढ़ जाती है जिससे हमें अधिक दुरी तक एवं तेज़ आवाज़ सुनाई देता है।
Q:
यदि चलती रेलगाड़ी में बैठा व्यक्ति एक सिक्का ऊपर उछाले तो वह उस व्यक्ति के हाथ में ही आ गिरता है,कैसे?
Ans:
ऊपर जाते समय और नीचे आते समय सिक्का जड़त्व के कारण रेलगाड़ी के वेग से क्षैतिज दुरी भी पार करता है। अतः सिक्का फेंकने वाले व्यक्ति जे हाथ में ही आ गिरता है।
Q:
यदि कुँए में से पानी से भरी बाल्टी खींचते समय डोरी टूट जाती है तो खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर गिर जाता है। क्यों?
Ans:
व्यक्ति द्वारा डोरी पर लगाया गया बल क्रिया है। इसके विपरीत प्रतिक्रिया बल डोरी के तनाव के माध्यम से बाल्टी पर लगता है। जब डोरी टूट जाती है तो प्रतिक्रिया लुप्त हो जाती है अतः व्यक्ति क्रिया बल के कारण पीछे की ओर गिर जाता है।
Q:
रायफल से गोली दागते समय रायफल चलाने वाले व्यक्ति को पीछे की ओर धक्का क्यों लगता है?
Ans:
जब रायफल चलायी जाती है तो बारूद के विस्फोट के कारण गोली तीव्र वेग से आगे की ओर बढ़ती है। गोली जिस बल के कारण आगे बढ़ती है, रायफल पर उतना ही प्रतिक्रिया बल पीछे की ओर लगता है। अतः रायफल चलाने वाले व्यक्ति को पीछे की ओर धक्का लगता है।
Q:
रॉकेट का ऊपरी भाग शंकुनुमा क्यों बनाया जाता है?
Ans:
वायुमंडल के प्रतिरोध को कम करने एवं वायुमंडल के घर्षण से जलकर नष्ट होने से बचाने के लिये रॉकेट का ऊपरी भाग शंकुनुमा बनाया जाता है।
Q:
रेगिस्तान दिन में बहुत गर्म तथा रात में बहुत ठंडे हो जाते हैं, क्यों?
Ans:
रेत ऊष्मा की अच्छी अवशोषक है जो दिन में सूर्य की ऊष्मा को अवशोषित करके गर्म हो जाती है तथा रात में अधिक ऊष्मा विकिरण द्वारा खोकर ठंडी हो जाती है। जिस कारण रेगिस्तान दिन में गर्म और रात में ठंडा रहता है।
Q:
रुई में स्प्रिट लेकर हाथ पर लगाने से हमें उस जगह अधिक ठंडक महसूस क्यों होती है?
Ans:
रुई में स्प्रिट लेकर हाथ पर लगाने से हमें अधिक ठंडक महसूस होने का कारण स्प्रिट का तेजी से वाष्पीकरण है। अधिक तेजी से वाष्पीकरण होने से वह उस भाग को ऊष्मा भी तेजी से लेता है जो इसके संपर्क में है। अतः उस विशेष भाग का तापक्रम गिरने से वहाँ ठंडक महसूस होने लगती है।
Q:
लकड़ी के पहिये पर लोहे की हॉल चढ़ाते समय हॉल को गर्म क्यों किया जाता है?
Ans:
लोहे की हॉल लकड़ी के पहिये से छोटी रखी जाती है जब हॉल को गर्म किया जाता है तो उष्मा पाकर हॉल प्रसारित होता है जिससे उसका आकार बढ़ जाता है और यह पहिये पर आसानी से चढ़ जाता है तथा ठंडा होने के साथ-साथ हॉल का आकर घटता है और वह पहिये को अच्छी तरह जकड़ लेता है। इस कारण पहिया और हॉल एक दूसरे के साथ मजबूती से चिपक जाते हैं। सभा कक्ष में ध्वनि अधिक गूँजती है जबकि भरे हुये सभा कक्ष में ध्वनि कम गूँजती है।
Q:
लोहे के पुल का एक सिरा स्थिरता से कसा हुआ होता है जबकि दूसरा सिरा रोलर पर ठहरा हुआ क्यों रखते है?
Ans:
लोहे के पुल में एक सिरा स्थिरता से कसा होता है जबकि दूसरा सिरा रोलर पर ठहरा हुआ रखते हैं क्योंकि गर्मी के दिनों में ताप की अधिकता से लोहा गर्म होकर फैलता है व रोल के कारण इसे फैलने की जगह मिल जाती है और पुल क्षतिग्रस्त होने से बच जाता है। यदि लोहे केे दोनों सिरों को स्थिर कर लिया जाये तो पुल को क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना रहता है।
Q:
वर्षा ऋतु में कपड़े देर से क्यों सूखते हैं?
Ans:
वर्षा ऋतु में कपड़े देर से सूखते हैं क्योंकि वातावरण में नमी की मात्रा अधिक होने से वाष्पीकरण की दर धीमी हो जाती है जिससे कपड़े देर से सूखते हैं।
Q:
लौह स्तम्भ पर जंग क्यों नहीं लगता है?
Ans:
दिल्ली के महरोली में स्थित लौह स्तम्भ पर जंग नहीं लगता क्योंकि इस स्तम्भ में फोस्फोरस की अधिकता (0.114%) है एवं सल्फर की नगण्यता (0.006%) होने से कोई खराबी नहीं होती, साथ ही MnO2 का लेप होने से ये जंग नहीं लगता है।
Q:
वायुयान की उड़ान के लिये वायुमंडल की कौन सी परत उपयुक्त है और क्यों?
Ans:
वायुयान की उड़ान के लिये वायुमंडली की समताप मंडल उपयुक्त है क्योंकि इस परत का तापमान समान रहता है इस परत में बादल नहीं बनते है और आँधी तूफान भी नहीं आते है।
Q:
विद्युत परिपथ में मीटर के बाद फ्यूज क्यों लगाया जाता है?
Ans:
फ्यूज एक पतला तार होता है जो अल्प गलनांक एवं कम प्रतिरोध वाले मिश्र धातु का बना होता है। इसकी चालकता भी उच्च होती है यह टीन और सीसे की मिश्र धातु का बना होता है। साधारण परिस्थितियों में परिपथ का प्रतिरोध बहुत कम हो जाता है कम प्रतिरोध में उच्च धारा प्रवाह के कारण फ्यूज तार गरम होने से पिघल कर टूट जाता है तथा परिपथ का विच्छेदन हो जाता है इससे आग लगने या दुर्घटना होने की सम्भावना समाप्त हो जाती है।
Q:
रात्रि में तारे हमें टिमटिमाते हुये प्रतीत होते है किन्तु चन्द्रमा टिमटिमाता हुआ प्रतीत नहीं होता। क्यों?
Ans:
चन्द्रमा तारों की तुलना में आकार में बड़ा होता है तथा आँख के आकार की तुलना में कई किरणें भेजता है। अतः किरणों की संख्या में होने वाले परिवर्तन का आँख पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है अतः चन्द्रमा टिमटिमाता हुआ प्रतीत नहीं होता है।
Q:
वनस्पति घी कैसे बनाया जाता है?
Ans:
उबलते हुए तेलों में निकल चूर्ण की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने पर वनस्पति घी प्राप्त होता है इसे वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।
Q:
वर्षा जल का pH मान कितना होने पर उसे एसिडवर्षा कहा जाता है?
Ans:
5.6 से कम
Q:
सर्दियों के दिनों में हमारे मुँह से भाप क्यों निकलती है?
Ans:
सर्दियों के दिनों में बच्चे अक्सर मुँह से भाप निकालने का खेल खेलते हैं। सर्दियों में हमारे वातावरण का तापमान शरीर की तुलना में बहुत कम होता है जब बाहरी वातावरण का तापमान औसत बिंदु से भी कम होता है अर्थात नमी अधिक मात्रा में होती है तब हम मुँह से या नाक से हवा बाहर निकालते है तो शरीर से निकलने वाली हवा का तापमान अधिक होता है तथा बाहरी वातावरण का तापमान कम होने से यह संघनित होने लगती है तथा भाप के रूप में दिखाई देती है।
Q:
शहरों में जल वितरण करने के लिये जल की टंकियां ऊँचाई पर बनाई जाती है क्यों?
Ans:
शहरों में जल वितरण करने के लिये जल की टंकियां ऊँचाई पर बनाई जाती है क्योंकि जल स्तम्भ जितना ऊँचा होगा, उतना ही उसका दाब अधिक होगा। अधिक दाब के कारण ही शहरों में ऊँचे मकानों में जल सरलता से चढ़ जाता है। इस प्रकार ऊँचाई और समतल धरातल पर स्थित मकानों में रहने वाले व्यक्तियों को जल सहज ही उपलब्ध हो जाता है।
Q:
शुष्क सैल अक्सर रखे-रखे ही खराब क्यों हो जाते हैं?
Ans:
शुष्क सैल में एनोड के लिये कार्बन की छड़ तथा कैथोड़ के लिये जस्ते की छड़ का उपयोग किया जाता है जस्ता एकदम शुद्ध नहीं होता है इसमें लोहा, कार्बन आदि धातुओं की अशुद्धियाँ होती है जो कि छोटे-छोटे एनोड का कार्य करती है। इस प्रकार सैल की भीतर ही लघुपरिपथ बन जाता है जिससे सैल काम में नहीं होने पर भी इस प्रकार की क्रिया होती रहती है। जिससे जस्ता व्यर्थ में खर्च होता रहता है। जन्तु में अशुद्धि के कारण ऊर्जा व्यर्थ जाती है इसलिए सैल की उपयोगिता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
Q:
समान ताप पर गर्म किये गये ताँबे व काँच के टुकड़े में ताँबे का टुकड़ा स्पर्श करने पर अधिक गर्म क्यों प्रतीत होती है?
Ans:
ताँबा, काँच की अपेक्षा ऊष्मा का अच्छा चालक है, अतः स्पर्श करने पर गर्म ताँबा हमारे हाथ को तेजी से ऊष्मा देता है और हमें बहुत गर्म लगता है
Q:
विस्फोटक पदार्थ ले जाने वाले ट्रक से एक जंजीर बँधी रहती है, जो जमीन को छूती रहती है। क्यों?
Ans:
ट्रक की गति के दरम्यान उसकी धुरी पृथ्वी की चुम्बकीय बल रेखाओं को काटती रहती है जिसके कारण उसके सिरों के बीच वि.वा. बल प्रेरित हो जाता है। प्रेरित आवेश का जंजीर के द्वारा पृथ्वी में क्षरण होता रहता है, जिससे विस्फोटक पदार्थ सुरक्षित बने रहते हैं।
Q:
सिरका व खाने के सोडे के घोल के पास यदि जलती हुई माचिस की तिली ले जाते हैं तो वह क्यों बुझ जाती है?
Ans: सिरका व खाने के सोडे का यदि घोल बनाया जाये तो इन दोनों पदार्थो की रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप कार्बनडाई ऑक्साइड गैस बनती है जो बुलबुलों के रूप में बनती हुई दिखाई देती है। जब इस घोल के पास जलती हुई माचिस की तिली ले जाई जाती है तो यह बुझ जाती है क्योंकि कार्बनडाई ऑक्साइड गैस आग बुझाने में सहायक होती है।
Q:‘भविष्य का धातु’ किसे कहते हैं?
Ans: टाइटेनियम