विश्वभर में समय समय पर ऐसी ऐसी खतरनाक बीमारियों ने जन्म लिया . जिनके आरम्भिक दौर ने मानवजाति को हिलाकर रख दिया , मगर वैज्ञनिको ने अपनी सूझ बुझ और अविष्कारों से उन बीमारियों के ना केवल कारण खोजे बल्कि उनका उपचार भी खोज निकाला | ऐसा ही एक भयानक रोग है -पोलियो | पोलियो विषाणुजनित रोग है जिसमे रोगी को पैरो में एक प्रकार का पक्षाघात हो जाता है और इसका रोगी उठने और चलने में असमर्थ हो जाता है।दुनिया के सबसे खतरनाक रोगों में एक रोग ऐसा है ,जिसमे व्यक्ति मरता तो नही लेकिन जीवन भर अपने पैरों पर चल नही पता इस रोग को पोलियो कहा जाता है, वास्तव में ये एक बालरोग है | बचपन में ही जिन बच्चो को पोलियो हो जाता है ,वह चलने फिरने में असक्षम हो जाता है | इस बीमारी का उपचार खोजने वाले वैज्ञनिक से का नाम एडवर्ड जोन्स साल्क था |
Jonas Edward Salk एडवर्ड जोन्स साल्क का जन्म अमेरिका में 28 अक्टूबर सन 1914 ईस्वी में हुआ था | आरम्भ में उनकी रूचि जीव विज्ञान में थी | उन्होंने अपनी शिक्षा Biology में ही पूर्ण की थी | शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात एडवर्ड जोन्स साल्क की नियुक्ति पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के स्कूल ओफ मेडिसिन में बायोलॉजी के प्रोफेसर के रूप में हुयी | वो वहा पर अनेक प्रकार के विषाणु एवं जीवाणुओं पर अनुसन्धान करते रहते थे |स्न 1950 ईस्वी में अमेरिका में पोलियो नामक रोग की महामारी ने आक्रमण कर दिया | यह रोग बच्चो को अपना शिकार बनाता था | इसके दो वर्ष बाद ही यही महामारी बेल्जियम ,जर्मनी और डेनमार्क में फ़ैल गयी | विश्वभर के वैज्ञानिक इस बीमारी का इलाज खोजने में जुट गये लेकिन कोई सुखद परिणाम नही आया |
अमेरिकी वैज्ञानिक Jonas Edward Salk एडवर्ड जोन्स साल्क भी इस विषाणुजनित रोग का उपचार खोजने में लगे थे | उन्होंने उचे पैमाने पर अनुसन्धान किया और सन 1954 में उन्होंने एक वैक्सीन का अविष्कार किया जिसको लगाने के बाद पोलियो का प्रभाव नही होता था | उन्होंने यह टीका बन्दर से बनाया था | उन्होंने इस समस्या से समाधान खोज निकाला था | देखते ही देखते विश्व में इस टीके का उपयोग कर पोलियो नामक रोग पर नियन्त्रण पाया जाने लगा |
मानवता को कल्याणकारी खोज देने वाले Jonas Edward Salk एडवर्ड जोन्स साल्क का निधन 23 जून 1995 में हो गया था |