विज्ञान पत्रकारिता क्या है?


विज्ञान पत्रकारिता वह पत्रकारिता है जो वैज्ञानिक विषयों से सम्बन्धित समाचार तथा फीचर आम जनता तक पहुँचाने का कार्य करती है। इसपत्रकारिता में वैज्ञानिकों, पत्रकारों तथा आम जनता के बीच अन्तःक्रिया (interaction) होती है।
विज्ञान पत्रकारों को विस्तृत, तकनीकी और कभी कभी शब्दजाल से लड़ी जानकरी को दिलचस्प रिपोर्ट में बदलकर समाचार  मीडिया  उपभोगताओं के आधार पर प्रस्तुत करना होता है।
वैज्ञानिक पत्रकारों को यह निश्चय करना होगा कि किस वैज्ञानिक घटनाक्रम में विस्तृत सुचना की योग्यता है। साथ ही वैज्ञानिक समुदाय के भीतर होने वाले विवादों को बिना पक्षपात किये और तथ्यों के साथ पेश करना चाहिए।[4]विज्ञान पत्रकारिता को ग्‍लोबल वॉर्मिंग जैसे विषयों पर वैज्ञानिक समुदाय के भीतरी मतबेधो को अतिश्योक्तिपूर्ण ढंग से पेश करने के लिए आलोचित किया गया है।
देश के चार स्तम्भों में से एक पत्रकारिता को माना गया है। यही कारण है कि पत्रकारिता का ग्लैमर सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। मिशन के रूप में शुरू हुई पत्रकारिता आज व्यवसाय का रूप ले चुकी है। बदलते वक्त में इसके स्वरूप में काफी बदलाव आया है। आज की पत्रकारिता बहुआयामी हो गई है। उसी बहुआयामी क्षेत्र में से एक तेजी से उभरता क्षेत्र विज्ञान पत्रकारिता है। अगर आप विज्ञान के विद्यार्थी रह चुके हैं तो यह आप के लिए बेहतर कॅरियर साबित हो सकता है।

वर्तमान युग विज्ञान का युग है। विज्ञान की नई खोजें हर किसी को प्रभावित और आकर्षित करती हैं। हर वर्ग के लोग नई खोजों के बारे में अपनी भाषा में अधिक से अधिक जानने के लिए उत्साहित रहते हैं। बच्चे, किशोर किशोरियां विज्ञान की आश्चर्यजनक खोजों को चटकारे लेकर पढ़ते और सुनते हैं ही, वहीं बड़े व बुजर्गों के लिए भी यह उतना ही कौतूहल का विषय होता है। अगर आप देश−विदेश के चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, खगोल विज्ञान आदि की खोजों को आम जनता तक उनकी भाषा में पहुंचा सकते हैं तो आपको सफलता मिलते देर नहीं लगेगी।
आज लगभग प्रत्येक समाचार पत्र में विज्ञान आविष्कारों को प्रकाशित किया जाता है। वहीं खास विज्ञान विषय पर पत्र−पत्रिकाएं भी निकलने लगे हैं। इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी विज्ञान की आश्चर्यजनक खोज को प्रमुखता से दिखाया जाता है। विज्ञान पत्रकारिता एवं इससे जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यथिर्यों को विज्ञान विषय में स्नातक होना जरूरी है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में तो कॅरियर बनाया ही जा सकता है। शिक्षण कार्य भी किया जा सकता है। इसके अलावा गैर सरकारी संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास केंद्रों में विज्ञान पत्रकार, जनसंपर्क अधिकारी, विज्ञान प्रसार अधिकारी, कारपोरेट कम्युनिकेशन आफिसर आदि पदों में रोजगार मिल जाता है।
 
यदि आप अपने काम के प्रति ईमानदार, पूर्ण समर्पण, एकाग्रता तथा तथ्यों तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं तो आसानी से विज्ञान पत्रकारिता क्षेत्र में कॅरियर की तलाश कर सकते हैं। विज्ञान पत्रकारिता का पाठयक्रम आप इन संस्थानों से कर सकते हैं−
 
− इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन इन सांइस एण्ड टेक्नोलाजी, लखनऊ विश्वविद्यालय।
− डिपार्टमेंट ऑफ जर्निलज्म एंड मास कम्युनिकेशन, कामराज विश्वविद्यालय, मुदरई।
− राष्ट्रीय विज्ञान एवं संचार परिषद, टेक्नोलाजी भवन, न्यू महरौली मार्ग, नई दिल्ली।
− कौंसिल ऑफ सर्टिफिकेट एण्ड इंडस्टि्रयल रिसर्च, डॉ. कृष्ण मेनन मार्ग, नई दिल्ली।
− विज्ञान परिषद, महर्षि दयानंद मार्ग, इलाहाबाद।

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