अगर-अगर क्या है?

Om Prakash Patidar

अगर एक कोलायडल पदार्थ है जिसे विभिन्न प्रकार के लाल शैवालों से प्राप्त किया जाता है। इसमें सूक्ष्मजीवो का कल्चर करते है। सुक्ष्मजीवों के आवश्यकता अनुसार अगर में विभिन्न पदार्थ रखे होते है। अगर के पदार्थ अनुसार अगर भिन्न होते है।
इसमें गैलेक्टोस और सल्फेट होता है। यह विभिन्न प्रकार से प्रयोगों में लाया जाता है। लैक्ज़ेटिव के रूप में इसका उपयोग अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। प्रयोगशाला में इसका उपयोग सूक्ष्म जीवों के भोज्य पदार्थों (माइक्रोबियल कल्चर मीडिया) का ठोस बनाने के लिए किया जाता है। मिष्ठान्नशाला में तथा मांस संवेष्ठन उद्योगों (मीट पैकिंग इंडस्ट्रीज) में भी अगर का उपयोग होता है। भेषजीय उत्पादन में यह प्रनिलंबक अभिकर्ता (इमल्सीफाइंग एजेंट) के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
अगर के पौधों को इकट्ठा करके तुरंत सुखाया जाता है। इसके बाद कारखाने में भेज दिया जाता है, जहाँ पर ये धोए जाते हैं। विशेष प्रयोग में लाए जाने वाले अगर की उपलब्धि के लिए उक्त पौधों को विरंजित (ब्लीच्ड) करके पुन शुद्ध किया जाता है। तत्पश्चात्‌ म्यूसीलेज को कुछ घंटों के लिए उबाला जाता है और अनेक छननों से छानते हुए विभिन्न फ्रेमों में जेली के रूप में प्रवाहित किया जाता है। तत्पश्चात्‌ ठंढा करके जमा दिया जाता है। पानी को फेंककर जेली सुखाई जाती है और अंत में इसे चूर्ण का रूप दिया जाता है। इसका प्रयोग भिन्न-भिन्न प्रकार से किया जाता है। इससे अगरबत्तियाँ भी बनाई जाती है।

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