हमारे अमाशय में मांस का पाचन हो जाता है। लेकिन खुद मांस से बना अमाशय क्यो नही पच जाता?

आमाशय खुद को क्यों नहीं पचा लेता है?
Om Prakash Patidar

कभी सोचा है आपने क़ि आमाशय ख़ुद को क्यों नहीं पचा लेता है। जो पेट बड़ी से बड़ी प्रोटीन, वसा और कार्बोहायड्रेट जैसे अनगिनत पदार्थों को बड़ी आसानी से हज़म कर जाता है। तो वो खुद को क्यों नहीं हज़म कर पाता। पाचन क्रिया के दौरान पेट की दीवार पर उपस्थित ग्रंथियों से निकलने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड से आप भली भांति परिचित होंगे। यह अम्ल गलती से किसी अंग पर गिर जाए तो आर पार छेद कर सकता है। अब सोचिये ऐसे अम्ल अगर आप के पेट में पाचन क्रिया दौरान निकलते है तो पेट यानी आमाशय को भी पचा लेना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। क्यूँ नहीं होता ऐसा? आइये जानने का प्रयास करते है। हमारे आमाशय में कई महत्वपूर्ण पाचक रस स्रवित होते रहते हैं। जिनमें से हाइड्रोक्लोरिक एसिड, पेप्सीन, गैस्ट्रीन और लाईपेज प्रमुख है। यह रस काफी तेज सांद्रता के होते हैं। और भोजन को ये ही पचाने में सहायक होते हैं। पर यह आश्चर्य ही समझना चाहिए कि वे आमाशय को नहीं पचा डालते।
कारण क्या है कि आमाशय और ग्रहणी की दीवारें मुख्यतया चार परतों की बनी होती है। यदि अन्दर से बाहर की और चले तो सबसे पहले जो परत होती है उसे म्यूकोसा बोलते है जो एक प्रकार की कोलुम्नर एपिथिलीयम की बनी होती है। इसी परत में ही पाचक रस उत्पन्न करने वाली चार (ज्यामोजेनिक सेल्स, ऑकजेंटिक या पेराइटल सेल्स, म्यूकस सेल्स और जी-सेल्स) प्रकार की ग्रंथियाँ मौजूद रहती है। इस आमाशय के मखमली परत में प्रायः 10 अरब के आस पास अम्ल स्रावी कोशिकाएँ होती हैं। इनसे निकलने वाले रस को पाचक रस कहते है जो लगभग प्रतिदिन 2 से 3 लीटर के आस पास होता है। यह परत बहुत ही मखमली होती है। होता क्या है की पाचन क्रिया दौरान म्यूकस कोशिकाओं द्वारा ढ़ेर सारा म्यूकस भी उत्पन्न होता है जो हमारे आमाशय की दीवारों को किसी प्रकार क्षति होने से बचाता है। यदि किसी कारण यह परत झीनी पड़ जाय तो यही एसिड आमाशय की दीवारों में जख्म पैदा कर देते है। जो आगे चलकर अलसर (पेट की दीवारों में घाव) का कारण बनता है। अक्सर लोग जल्दबाजी में बिना पूरा भोजन ठीक चबाये ही करते है। इससे आमाशय को दूना काम करना पड़ता है, ऐसी दशा में कठोर भोजन उस मखमली अस्तर को छील देता है और अल्सर की शिकायत उठ खड़ी होती है। बहुत अधिक धूम्रपान, बहुत गर्म चाय, काफी पीना, मदिरा पान, मानसिक उत्तेजना की स्थिति में भोजन करना, एस्पिरीन और कोर्टिकोस्टेराइड वर्ग की दवाओं का अधिक सेवन भी अल्सर का कारण बन जाता है।

साभार : संजीव कुमार सिंह

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