आखिर नागिन क्यों लेती है नाग की मौत का बदला, इसके पीछे काम करता है ये विज्ञान

Why does the serpent take revenge for Nag's death, this science works behind it?
Om Prakash Patidar
में तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा।
मैं नागिन तू सपेरा।।...
आज तो बदला मैं बस लुंगी। 
छेड़ ना मुझको, में डस लुंगी।।

आपने नागिन फ़िल्म का गाना तो जरूर सुना होगा, जिसमे नागिन अपना बदला लेने की बात करती है, अक्सर फिल्मो में दिखाया जाता है कि नाग-नागिन के जोड़े में से यदि नाग को मार दिया तो नागिन बदला लेने के लिए पीछा करते हुए घर आ जाती है। जबकि नागिन को मार दे तो नाग भी पीछा करते हुए घर आ जाता है। ऐसा यूं नहीं आता,बल्कि ऐसा होने का वैज्ञानिक कारण भी है। इस दौरान हम थोड़ी सी समझदारी दिखाए तो बदला लेने के लिए हमारा पीछा करते हुए न तो नाग घर पर आएगा और न ही नागिन आएगी। 
नाग नागिन की कई कहानियां हमने सुनी है और सभी में यही सुना है कि नाग नागिन अगर अपने साथी की मौत का बदला लेने पर आमदा हो जाए तो फिर दुनिया की कोई भी ताकत उसे बचा नहीं सकती। 

इस घटना के पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि बारिश का मौसम नाग-नागिन के प्रजनन काल का समय रहता है। इस दौरान नाग-नागिन के आपस में लिपटे रहने से इनके बीच फेरामोन नामक एक ऐसा रासायनिक पदार्थ बनता है, नर नाग द्वारा एंड्रोस्टाडाईइनोन तथा मादा एस्टरोटेट्राइनॉल नामक सेक्सफेरोमोज़ स्त्रावित किये जाते है, यह सेक्सफेरोमोन्स लिपिड के बने संतृप्त-मिथाइल-कीटोन की लंबी श्रृंखला वाले अणु होते है जो वाष्पशील पदार्थ है। जिसकी गंद से दोनों नाग-नागिन एक दूसरे के पास खींचे चले आते है। इस अवधि के दौरान यदि कोई नाग को मार दें तो नागिन फेरामोन रासायनिक पदार्थ की गंद से नाग को मारने वाले व्यक्ति के पास पहुंच जाती है। वहीं नागिन को मारने पर नाग भी इसी पदार्थ की गंद के कारण खिंचा हुआ मारने वाले व्यक्ति के पीछे आ जाता है। क्योंकि नाग या नागिन को मारने के दौरान इनके बीच बनने वाला फेरामोन रासायनिक पदार्थ,उस लाठी या डंडे में भी लग जाता है जिससे नाग या नागिन को मारा गया। मारने वाले व्यक्ति जूते आदि में भी यह पदार्थ लग जाता है। इसके बाद उस लाठी या जूतों को घर में कहीं भी रख दो,वहां नाग या नागिन सूंघते हुए पहुंच ही जाते है।
हमे नाग या नागिन को नही मरना चाहिए, क्योकि इस धरती पर प्रत्येक जीव को रहने का अधिकार है, यदि किसी कारण वस जोड़े में जब किसी कारण नाग या नागिन की मत्यु हो जाये तो सबसे पहले मरने वाले नाग या नागिन को जला दे और उसी के साथ ही उस डंडे या लाठी को भी जला दें,जिससे उसे मारा गया है। इसके बाद उन जूतो और कपड़ों को भी अच्छे से रगड़कर धोले,जिनको नाग-नागिन को मारते समय पहन रखा था। ऐसा करने पर फेरामोन की रासायनिक पदार्थकी गंद नाग या नागिन के पास नहीं पहुंचेगी तो वे पीछा करते हुए भी घर नहीं आएंगे।
साभार:पत्रिका

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