मगरमच्छ के आंसू( Crocodile Tear).
Om Prakash Patidar
हम सभी ने मगरमच्छ के आंसू वाली कहावत तो सुनी होगी, पर क्या कभी आपने सोचा है कि ये कहावत बनी कैसे? जब कोई दिखावे के लिए रोता है, तो उसके रोने को 'मगरमच्छ के आंसू बहाना' कहा जाता है. पर झूठी हमदर्दी का आखिर मगरमच्छों से क्या सम्बन्ध?
ये कहावत 14वीं शताब्दी से प्रचलित है, जब एक प्रसिद्ध संस्मरण 'The Voyage and Travel of Sir John Mandeville' में ये लिखा गया था कि एक तरह का जानवर अपने इंसानी शिकारों को निगलते हुए आंसू बहाता था. तभी से मगरमच्छ झूठे पछतावे के रूपक बन गए हैं.
2007 में University of Florida के Zoologist Kent Vliet ने भी सिद्ध किया था कि वाकई कुछ जानवर खाते हुए सुबकते हैं. उन्होंने 7 में से 5 घड़ियालों को शिकार निगलने के बाद रोते हुए भी फिल्माया था.
Vliet की Theory के अनुसार जब इन जानवरों के जबड़े खाते हुए आपस में टकराते हैं, तब एक शारीरिक प्रक्रिया कि वजह से इनकी आंखों से पानी निकलता है. डॉक्टर इस प्रक्रिया को “Crocodile Tears” कहते हैं.
मगरमच्छ (Crocodile) संसारभर के सबसे खतरनाक और बेरहम जानवरों में से एक माना जाता है जिसके जबड़े में एक बार शिकार फ़स जाता है फिर बाहर निकलना तो नामुमकिन होता है
मगरमच्छ (Crocodile) संसारभर के सबसे खतरनाक और बेरहम जानवरों में से एक माना जाता है जिसके जबड़े में एक बार शिकार फ़स जाता है फिर बाहर निकलना तो नामुमकिन होता है
- संसारभर में मगरमच्छों की 23 प्रजातियां पायी जाती हैं। जिनमें से ज्यादातर ख़त्म होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं।
- मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं जे मनुष्य को भी अपना शिकार बना लेते हैं।
- इनके जबड़े विश्वभर में सबसे ज्यादा मजबूत जबड़े माने जाते हैं।
- मगरमच्छ डायनासौर के सबसे करीबी माने जाते हैं।
- मगरमच्छों का पृथ्वी पर जीवन 24 करोड़ सालों से माना जाता है।
- मगरमच्छ शिकार को चबाते कम हैं बल्कि यह ज्यादातर शिकार को निगलते हैं।
- मगरमच्छ बारिश के मौसम में ज्यादा ख़तरनाक हो जाते हैं।
- इनका जीवनकाल 70 वर्षों तक होता है।
- मगरमच्छ 14 से 19 फ़ीट तक लम्बे हो सकते हैं
- मगमच्छ एशिया , अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा पाए जाते हैं।
- मगरमच्छ दो प्रकार के होते हैं एक खारे पानी में रहने वाले मगरमच्छ और दूसरे मीठे पानी में रहने वाले मगरमच्छ।
- जब मगरमच्छ शिकार को निगलते हैं तो इनकी आंखों से आंसू निकलते हैं जिस कारण “मगरमच्छ के आंसू ” वाली कहावत यहीं से बनी है।
- यह अपने शरीर को ठंडा करने के लिए अक्सर पानी के बाहर अपने जबड़ों को खोलते हैं।