जीन्स की छोटी जेब ????
Om Prakash Patidar
बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी
तो सीधी सादी छोरी शराबी हो गयी
हा जीन्स पहनके जो तूने मारे ठुमका
तो लट्टू पड़ोसन की भाभी हो गयी
फ़िल्म : ये जवानी है दीवानी(2013) का गाना तो अपने जरूर सुना होगा। साथ ही आप जीन्स भी पहनते होने लेकिन कभी अपने सोचा है, कि-
जीन्स में छोटी सी पॉकेट क्यों रखी जाती है? – आज कल जींस फैशन का अहम हिस्सा है और इसे आप कही भी देख सकते है. हो सकता है आप भी जीन्स पहनते है, क्या कभी आपके मन मे जीन्स के दायें तरफ दी गयी छोटी सी पॉकेट के बारे में विचार आया होगा. आखिर जीन्स में छोटी सी पॉकेट क्यों रखी जाती है, वैसे ज्यादातर लोग यहीं जानते है कि इसी छोटी सी पॉकेट को सिक्का रखने के लिए बनाया होगा लेकिन, इस पॉकेट को सिक्का के लिए नहीं बल्कि छोटी घड़ी रखने के लिए बनाया गया था.
जींस एक तरह का ट्राउज़र जो जैकब डब्ल्यू डेविस ने लिवाइस कंपनी के साथ मिलकर 1871 में बनाई थी
जीन्स का इतिहास काफी पुराना है. जीन्स को शुरुआत में नाविक और श्रमिक ही पहनते थे लेकिन समय के बदलाव के साथ ये लोगो का फैशन भी बन गया था. करीब 18 वी सदी में चैन वाली छोटी घड़ियाँ चलती थी जिन्हें रखने के लिए लेवी स्ट्रॉस नाम की कंपनी ने ही इस जेब की शुरुआत की थी. ताकि छोटी घड़ियाँ सुरक्षित रखी रहें. बता दें कि लेवी स्ट्रॉस नाम की इस कंपनी को अब लेवीस के नाम से जाना जाता है. चुकीं अब छोटी घड़ियों का चलन बंद हो गया है लेकिन जीन्स को स्टाइलिश दिखने के लिए इस पॉकेट को अभी भी रखा जाता है.
जीन्स का इतिहास एवं कुछ फैक्ट्स:
√ जींस में बनी छोटी जेब का इतिहास सदियों पुराना बताया जाता है।
√ सर्वप्रथम दुनिया में जींस का निर्माण लेवी स्ट्रॉस नाम की कंपनी ने किया था।
√ इसी कंपनी ने जींस का जो आकार बनाया था, उसमें अभी तक कुछ ख़ास फर्क नहीं आया है।
√ लेवी स्ट्रॉस ने ही जींस में छोटी जेब का चलन शुरू किया था जो अब तक ज्यादा नहीं बदला है।
√ इसी लेवी स्ट्रॉस कंपनी को वर्तमान समय में अब लेवाइस के नाम से जाना जाता है।
√ ये जेब इतनी ज्यादा छोटी होती है कि इनमें कोई भी सिक्के के अलावा कुछ नहीं रख सकता है। तो फिर आखिर कंपनी ने इस जेब को जींस में लगाया ही क्यों था।
√ इतिहास के अनुसार इस जेब का नाम पहले 'वाच पॉकेट' का नाम रखा गया था।
√ ये जेब इतनी ज्यादा छोटी होती है कि इनमें कोई भी सिक्के के अलावा कुछ नहीं रख सकता है। तो फिर आखिर कंपनी ने इस जेब को जींस में लगाया ही क्यों था।
√ इतिहास के अनुसार इस जेब का नाम पहले 'वाच पॉकेट' का नाम रखा गया था।
√ सदियों पहले लोगो में अपने कोट पर घड़ी लगाकर पहनने का फैशन चलन में था। इसी कारण ऐसे लोगो को ध्यान में रखते हुए इस तरह की जेब को जींस में लगाया था।
√ यदि जींस में छोटी जेब न हो तो लोगो को घड़ियाँ रखने में काफी समस्या होती। साथ ही जींस में छोटे बटन भी काम करने वाले मजदूरो के लिये लगाये गये थे।
√ बीते जमाने में कई मजदूर खदानों में काम करते थे जिससे उनके कपड़े फट जाया करते थे। बस तभी से जींस का चलन उपयोग में आया क्योंकि इसकी सिलाई काफी मजबूत होती है।