महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन-Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन-Albert Einstein
Om Prakash Patidar

नाम – अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन
जन्म – 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी)
पिता – हेर्मन्न आइंस्टीन
माता – पौलिन कोच
पत्नी  – पहला मरिअक और दूसरा एलिसा लोवेंन थाल।

        आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।

आरंभिक जीवन:

        अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में वुतटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजिनियर और सेल्समन थे जबकि उनकी माता पोलिन आइंस्टीन थी। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था।

        Albert Einstein परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।

        1895 में इंस्टें ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु, स्विट्ज़रलैंड गये। 1895-96 में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा उन्होंने वही से पूरी की।


मृत्यु:

        आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr.Thomas Harvey ने उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिनती हुई।

अविष्कार:

        अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी – आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.
E= MC square – आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

        ब्रोव्नियन मूवमेंट – यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

        स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है. जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

        ज्यूरिख विश्वविद्यालय में उनको प्रोफेसर की नियुक्ति मिली और लोगो ने उन्हें महान वैज्ञानिक मानना शुरू कर दिया |  सं 1905 में 26 वर्ष की आयु में उन्होंने सापेशिकता का सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसने उन्हें विश्वविख्यात कर दिया | इस विषय पर उन्होंने केवल चार लेख लिखे थे जिन्होंने भौतिकी का चेहरा बदल दिया | इस सिद्धांत का प्रसिद्ध समीकरण E=mc2 है जिसके कारण ही परमाणु बम बन सका | इसी के कारण इलेक्ट्रिक ऑय की बुनियाद रखी गयी | इसी के कारण ध्वनि चलचित्र और टीवी पर शोध हो सके | आइन्स्टाइन को अपनी इसी खोज के लिए विश्व प्रसिद्ध नोबल पुरुस्कार मिला था |

        स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बारे में विचार किया लेकिन अल्बर्ट के अधिक ज्ञान की वजह से प्रारम्भ में उन्हें नौकरी नही मिली | सन 1902 में अल्बर्ट आइन्स्टाइन को स्विज़रलैंड के बर्न शहर में एक अस्थाई नौकरी मिल गयी | अब उन्हें अपने शोध लेखो को लिखने और प्रकाशित कराने का बहुत समय मिला | उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया और अंत में उन्हें डाक्टरेट की उपाधि मिल ही गयी |


रोचक तथ्य:

        Albert Einstein एक दिन कही भाषण देने जा रहे थे रास्ते में जाते समय उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि मैं आपका भाषण इतनी बार सुन चुका हूँ कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूँ। उसकी बात सुनकर उन्होंने उससे कहा ‘ठीक है आज तुम्हीं मेरी जगह भाषण देना’ Einstein ने ड्राइवर की पोशाक पहन कर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइवर को दे दिया। भाषण हॉल में ड्राइवर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसे ही, धुआँधार भाषण दिया। भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछने शूरू किए और ड्राइवर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए। किन्तु किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइवर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइवर ने कहा, “अरे इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइवर ही आपको बता देगा।” ऐसा कहकर उसने ड्राइवर वाली पोशाक पहने Einstein को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।

        महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही शोध का विजुअल प्रयोग कर खाका तैयार कर लेते थे। यह उनके लेबोरेट्री प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था। आइंस्टीन को उनके प्रयोग के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन इसके साथ मिलने वाली राशि पर उनका अधिकार नहीं हो पाया। यह राशि उनके तलाक के दौरान बीवी से सेटलमेंट के दौरान देनी पड़ी। भले ही आइंस्टीन को दुनिया सबसे महान वैज्ञानिक मानें, लेकिन वे बचपन में सीखने और पढ़ने में कमजोर और धीमे थे। वे यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए पहले एंट्रेन्स एग्ज़ाम में फेल हो गए थे। एक पैथोलॉजिस्ट (रोग विज्ञानी) ने आइंन्स्टीन के शव परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था। उसके बाद वह 20 सालों तक एक जार में बंद रहा। आइंस्टीन अपनी खराब याददाश्त के लिए बदनाम थे। यह सच है कि वे अक्सर तारीखें, नाम और फोन नंबर भूल जाते थे। जर्मन वैज्ञानिक आइंस्टीन को इज़राईल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। इतने बड़े वैज्ञानिक के साथ कोई विवाद न हो, ऐसा हो नहीं सकता। वे 1902 में एक अवैध संतान के पिता बने। 1879 में जन्मे आइंस्टीन की कानूनी रूप से 1909 और 1919 में दो शादियाँ हुईं थीं। आइन्स्टीन समेत डार्विन एलन पोई और सद्दाम हुसैन जैसी हस्तियों ने अपनी पहली शादी कज़िन से की थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक और मजेदार तथ्य :-

अल्बर्ट आइंस्टाइन दुनिया के सबसे महानम वैज्ञानिकों में न्युटन के साथ सबसे ऊपर आते हैं. जिन्होने सिर्फ कागज और पैन की सहायता से ऐसे सिद्धांत दिए और ऐसी खोजे की जिन्होंने विज्ञान की रूपरेखा को पलट दिया. आइंस्टाइन का जन्म जर्मनी में 14 मार्च 1879 को और मृत्यु 18 अ्रपैल 1955 को अमरीका में हुई.आइए इस असाधारण वैज्ञानिक के बारे में कुछ रोचक तथ्य और प्रेरक प्रसंग जानते हैं.



Facts 1. जब आइंस्टाइन का जन्म हुआ तब इनका सिर बहुत बड़ा था और इन्होंने 4 साल की उम्र तक बोलना भी शुरू नही किया था. मगर एक दिन जब 4 साल के आइंनस्टाइन अपने माता पिता के साथ रात के खाने पर बैठे थे तो उन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोडते हुए कहा -‘shoop बहुत गर्म है ‘. अपने बेटे के इस तरह से चार साल बाद एकदम बोलने से आइंनस्टाइन के माता-पिता हैरान हो गए.



Fact 2. आइंस्टाइन समुद्री यात्रा करते समय और violin बजाते समय मोजे (जुराबे )पहनने पसंद नही करते थे.



Fact 3. जब आइंस्टाइन प्रिंसटन यूनिव्हर्सिटी में कार्यरत थे तो एक दिन यूनिव्हर्सिटी से घर वापस आते समय वे अपने घर का पता ही भूल गए। यद्यपि प्रिंसटन के अधिकतर लोग आइंस्टाइन को पहचानते थे, किन्तु जिस टैक्सी में वे बैठे थे उसका ड्राइव्हर उन्हें नहीं पहचानता था। आइंस्टाइन ने ड्राइव्हर से कहा, “क्या तुम्हें आइंस्टाइन का पता मालूम है?”

ड्राइव्हर ने जवाब दिया, “प्रिंसटन में भला कौन उनका पता नहीं जानेगा? यदि आप उनसे मिलना चाहते हैं तो मैं आपको उनके घर तक पहुँचा सकता हूँ।” तब आइंस्टीन ने ड्राइव्हर को बताया कि वे स्वयं ही आइंस्टाइन हैं और अपने घर का पता भूल गए हैं। यह जानकर ड्राइव्हर ने उन्हें उनके घर तक पहुँचाया और आइंस्टाइन के बार-बार आग्रह के बावजूद भी, टैक्सी का भाड़ा भी नहीं लिया।
Fact 4. आइन्स्टीन ने एक बार कहा – “बचपन में मेरे पैर के अंगूठे से मेरे मोजों में छेद हो जाते थे इसलिए मैंने मोजे पहनना बंद कर दिया”।



Fact 5. कैलटेक (कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने अलबर्ट आइंस्टाइन को एक समारोह में आमंत्रित किया। आइंस्टाइन अपनी पत्नी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए। उन्होंने माउन्ट विल्सन पर स्थित अन्तरिक्ष वेधशाला भी देखी। उस वेधशाला में उस समय तक बनी दुनिया की सबसे बड़ी अन्तरिक्ष दूरबीन स्थापित थी। इतनी बड़ी दूरबीन को देखने के बाद श्रीमती आइंस्टाइन ने वेधशाला के प्रभारी से पूछा – “इतनी बड़ी दूरबीन से आप क्या देखते हैं?”

प्रभारी को यह लगा कि श्रीमती आइंस्टाइन का खगोलशास्त्रीय ज्ञान कुछ कम है। उसने बड़े रौब से उत्तर दिया – “इससे हम ब्रम्हांड के रहस्यों का पता लगाते हैं।”

“बड़ी अजीब बात है। मेरे पति तो यह सब उनको मिली चिठ्ठियों के लिफाफों पर ही कर लेते हैं” – श्रीमती आइंस्टाइन ने कहा।



Fact 6. नाजी गतिविधियों के कारण आइंस्टाइन को जर्मनी छोड़कर अमेरिका में शरण लेनी पड़ी। उन्हें बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों ने अपने यहाँ आचार्य का पद देने के लिए निमंत्रित किया लेकिन आइंस्टाइन ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय को उसके शांत बौद्धिक वातावरण के कारण चुन लिया।

पहली बार प्रिंसटन पहुँचने पर वहां के प्रशासनिक अधिकारी ने आइंस्टाइन से कहा – “आप प्रयोग के लिए आवश्यक उपकरणों की सूची दे दें ताकि आपके कार्य के लिए उन्हें जल्दी ही उपलब्ध कराया जा सके।”

आइंस्टाइन ने सहजता से कहा – “आप मुझे केवल एक ब्लैकबोर्ड, कुछ चाक, कागज़ और पेन्सिल दे दीजिये।”

यह सुनकर अधिकारी हैरान हो गया। इससे पहले कि वह कुछ और कहता, आइंस्टाइन ने कहा – “और एक बड़ी टोकरी भी मंगा लीजिये क्योंकि अपना काम करते समय मैं बहुत सारी गलतियाँ भी करता हूँ और छोटी टोकरी बहुत जल्दी रद्दी से भर जाती है।”



Fact 7. जब लोग आइंस्टाइन से उनकी प्रयोगशाला के बारे में पूछते थे तो वे केवल अपने सर की ओर इशारा करके मुस्कुरा देते थे। एक वैज्ञानिक ने उनसे उनके सबसे प्रिय उपकरण के बारे में पूछा तो आइन्स्टीन ने उसे अपना फाउंटन पेन दिखाया। उनका दिमाग उनकी प्रयोगशाला थी और फाउंटन पेन उनका उपकरण।

Fact 8. आइंनस्टाइन की यादआसत कुछ ज्यादा अच्छी नही थी .उन्हें Dates और Phone numbers याद रखने में problem होती थी.यहाँ तक कि उन्हे खुद का नंम्बर याद नही रहता था .



Fact 9. आइंस्टाइन को सिगार पीना बहुत पसंद था। इतना कि एक बार वह नौका विहार के दौरान नदी में गिर गए और बाहर निकले तो पूरी तरह भीग चुके थे, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने बडी हिफाजत से अपने पाइप को बचाए रखा।



Fact 10. मॉन्ट्रियल स्मोकर्स क्लब के वह सदस्य थे। एक बार उन्होंने कहा था, सिगार पीने से दुनियादारी से जुडे या व्यावहारिक मामलों में सही नतीजों तक पहुंचने और शांत रह पाने में बहुत मदद मिलती है।



Fact 11. आइंन्स्टाइन का जन्मदिन 14 मार्च को पूरी दुनिया में ‘जीनियस डे’ के रूप में मनाया जाता है. आइंनस्टाइन बढ़ीया काम करने के लिए रात को 10 घंटे तक सोते थे.
Fact 12. वह बहुत ही अयोग्य संगीतकार थे। चार्ली चैप्लिन की जीवनी में एक जगह आइंस्टाइन के संगीत प्रेम का उल्लेख आता है। वह अपनी किचन में जाकर वॉयलिन बजाते थे, खाली समय में मोजार्ट का संगीत सुनते थे, यानी संगीत से उन्हें दिली लगाव था और बचपन से बुढापे तक एक वॉयलिन उनके पास हमेशा रहा। लेकिन संगीत का ज्ञान उन्हें इतना कम था कि कई बार तो धुरंधरों के बीच में बैठकर भी बेसुरा संगीत आत्मविश्वास के साथ बजाते थे और लोगों की ओर दाद देने के लिए देखते। बाकी लोग हंसते, लेकिन उनकी पत्नी हमेशा उनकी हौसलाअफजाई करतीं।



Fact 13. आइन्स्टीन के एक सहकर्मी ने उनसे उनका टेलीफोन नंबर पूछा। आइन्स्टीन पास रखी टेलीफोन डायरेक्टरी में अपना नंबर ढूँढने लगे। सहकर्मी चकित होकर बोला – “आपको अपना ख़ुद का टेलीफोन नंबर भी याद नहीं है?”

“नहीं” – आइन्स्टीन बोले – “किसी ऐसी चीज़ को मैं भला क्यों याद रखूँ जो मुझे किताब में ढूँढने से मिल जाती है”।

आइन्स्टीन कहा करते थे कि वे कोई भी ऐसी चीज़ याद नहीं रखते जिसे दो मिनट में ही ढूँढा जा सकता हो।



Fact 14. महान वैज्ञानिक की स्मरण शक्ति बहुत खराब थी। व्यावहारिक दुनिया की बहुत सी बातें वे अक्सरह भूल जाया करते थे। मसलन बच्चों का बर्थ डे या फिर कोई भी खास दिन। एक बार तो अपनी गर्ल फ्रेंड का बर्थ डे भी भूल गए। अगले दिन उन्होंने एक पत्र लिखकर इसकी माफी मांगी। उसमें लिखा-स्वीटहार्ट, पहले तो मेरी बधाइयां स्वीकारो अपने बीत चुके बर्थ डे के लिए…जो कल था और एक बार फिर मैं उसे भूल गया।



Fact 15. एक बार आइंनस्टाइन के गणित के प्रोफैसर ने उन्हे ‘Lazy dog’ तक कह दिया था क्योकि आइंनस्टाइन पढ़ाई में बहुत कमजोर थे.

Fact 16. आइंनस्टाइन के मन के अंदर विज्ञान के प्रति रूचि तब पैदा बुई जब उनकी उम्र पाँच साल थी और उनके पिता ने उन्हें एक Compass लाकर दिया .



Fact 17. वैसे तो आइंनस्टाइन की सभी खोजे प्रसिद्ध है .मगर उनकी सबसे ज्यादा प्रसिद्धी तब हुई जब उन्होने पु्ंज-उर्जा तुल्य (E=mc2) पर पत्र प्रकाशित किया .इसका मतलब ईकाई पुंज को अगर प्रकाश की गति के वर्ग के साथ गुणा कर दिया जाए तो उससे उतनी ही उर्जा प्राप्त होती है . इस से प्रेरित होकर ही नए वैज्ञानिकों ने प्रमाणु बम पर शोध शुरु कर दिए थे. मगर आइंनस्टाइन जिन्दगी भर इस गलत प्रयोग के विरूद्ध थे.



Fact 18. एक बार आइंनस्टाइन को उनके अजीब व्यवहार के कारण स्कूल से निकाल दिया गया और वह 17 साल की उम्र में college entrace के सारे Exams में गणित और विज्ञान को छोड़कर सभी विषयो में फेल हो गए थे.



Fact 19. 1952 में अमरीका ने आइंनस्टाइन को इजराइल का राष्ट्रपति बनने की पेशकश की परन्तु आइंनस्टाइन ने यह पेशकश यह कह कर ठुकरा दी कि वह राजनीती के लिए नही बने . इसका कारण यह है कि आईँस्टाइन एक यहुदी थे और इजराइल एक यहुदी देश।

Fact 20. एक दिन अल्बर्ट आइंस्टाइन भाषण देने जा रहे थे तो रास्ते में उनके ड्राइव्हर ने कहा कि आपका भाषण मैं इतनी बार सुन चुका हूँ कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूँ। यह कहकर कि ‘ठीक है आज तुम्हीं भाषण देना’ आइंस्टाइन ने ड्राइव्हर की पोशाक पहन कर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइव्हर को दे दिया।

भाषण हॉल में ड्राइव्हर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसे ही, धुआँधार भाषण दिया। भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछने शूरू किए और ड्राइव्हर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए। किन्तु किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइव्हर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइव्हर ने कहा, “अरे इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइव्हर बता देगा।” ऐसा कहकर उसने ड्राइव्हर वाली पोशाक पहने आइंस्टाइन को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।



Fact 21. एक बार आइंस्टाइन प्रिंसटन से कहीं जाने के लिए ट्रेन से सफर कर रहे थे। जब टिकट चेकर उनके पास आया तो वे अपनी टिकट ढ़ूँढ़ने के लिए जेबें टटोलने लगे। जेब में टिकट के न मिलने पर उन्होंने अपने सूटकेस को चेक किया। वहाँ भी टिकट को नदारद पाकर अपनी सीट के आस-पास खोजने लगे। यह देखकर चेकर ने कहा कि यदि टिकट गुम हो गई है तो कोई बात नहीं, वह उन्हें अच्छी प्रकार से पहचानता है और उसे विश्वास है कि टिकट जरूर खरीदी गई होगी।

चेकर जब बोगी के सभी लोगों का टिकट चेक करके वापस जा रहा था तो उसने देखा कि आइंस्टाइन अपनी सीट के नीचे टिकट ढ़ूँढ़ रहे हैं। तब चेकर फिर से उन्हे कहा कि वे टिकट के लिए परेशान न हों, उनसे टिकट नहीं माँगा जाएगा।

चेकर की बातें सुनकर आइंस्टाइन ने कहा, “पर टिकट के बिना मुझे पता कैसे चलेगा कि मैं जा कहाँ रहा हूँ?”



Fact 22. अल्बर्ट आइन्स्टीन के प्रेम के किस्सो की 1 लम्बी list है। उनकी मृत्यु के 20 साल बाद उनकी सौतेली बेटी ने उनके 1500 पत्र प्रकाशित किये जिनमें उनके लगभग 6 प्रेम संबंधो का खुलासा हुआ। वह अपने प्रेम संबंधो का ताजा हाल अपनी इस बेटी को चिट्ठियो में लिखा करते थे। हालाँकि कई जानकारो का कहना है कि वह 20 से भी ज्यादा प्रेम संबंधो में रहे। उनकी एक प्रेमिका मशहूर अदाकारा मर्लिन मुनरो भी थी।



Fact 23. आइन्स्टीन की लोकप्रियता और उनकी विद्वता के चर्चे महिलाओ को उनकी ओर आकर्षित करते थे। एक बार Germany की 1 सोशलाईट जिसे वह M कहते थे, उनसे मिली और प्रेम में डूब गई। उसने आइंस्टीन पर तोहफो की बौछार कर दी। वे कुछ समय जर्मनी में साथ रहे और फिर आइंस्टीन लंदन आ गये। वह उनके पीछे लंदन आ गई। उसके बाद आइंस्टीन अमरीका चले गये। वह वहां भी पहुँच गई। उनकी ऐसी ही रूसी प्रेमिका भी थी, जिसे वह जासूस कहते थे। उसने भी आइंस्टीन के पीछे लगभग आधी दुनियां का चक्कर लगा लिया था।

Fact 24. जब आइन्स्टीन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे तब एक दिन एक छात्र उनके पास आया। वह बोला – “इस साल की परीक्षा में वही प्रश्न आए हैं जो पिछले साल की परीक्षा में आए थे”।

“हाँ” – आइन्स्टीन ने कहा – “लेकिन इस साल उत्तर बदल गए हैं”।



Fact 25. आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया . यह अनैतिक कार्य Dr. Thomas Harvey द्वारा उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया. 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिणती है

विचार:

•दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता।
•जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
•प्रत्येक इंसान जीनियस है। लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जज करेंगे तो वो अपनी पूरी ज़िन्दगी यह सोच कर जिएगी की वो मुर्ख है.
•एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो। बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो।
•जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है। जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षता है।
•क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है।
•यदि मानव जीवन को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी।
•इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए।
•कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है।
•बिना सवाल किसी अधिकृत व्यक्ति का सम्मान करना सत्य के खिलाफ जाना है।
•बीते हुए कल से सीखना, आज में जीना, कल के लिए आशा रखना। सबसे महत्तवपूर्ण चीज़ है, प्रशन पूंछना बंद मत करना।
•मूर्खता और बुद्धिमता में यह फर्क है की बुद्धिमता की एक सीमा होती है।
•जि़न्दगी एक तरह से साइकिल को चलाने के समान है। जिस प्रकार आगे बढ़ने के लिए हमें साइकिल पर संतुलन की ज़रूरत होती है, उसी तरह संतुलित जीवन जीकर हम जि़न्दगी में आगे बढ़ सकते हैं।
•यदि आप किसी कार्य को करने के सारे नियम जानते हैं, तो आप उस कार्य को किसी से भी बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
•समुद्री जहाज किनारों पर सबसे ज़्यादा सुरक्षित है, पर वो किनारों पर खड़े रहने के लिए नहीं बना है।


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