कैसे पेड़ की आयु का पता लगाएँ?

वार्षिक वलय द्वारा किसी पेड़ की उम्र कैसे ज्ञान करे।
Om Prakash Patidar
हमने गणित के त्रिकोणमिति (trigonometry) में बिना चढ़े किसी पेड़ की ऊंचाई ज्ञात करने के सवाल हल किये होंगे, हो सकता हमने ये ऊंचाई ज्ञात भी की होगी।

लेकिन क्या आपको पता है, की जैसे हम गणित(त्रिकोणमिति) की सहायता से किसी पेड़ की ऊंचाई ज्ञात कर सकते है, उसी प्रकार जीवविज्ञान(Biology) की सहायता से किसी पेड़ की उम्र ज्ञात कर सकते है?
वो कैसे आइये इस पर चर्चा करते है-

किसी बहुत बड़े, घने और पुराने पेड़ को देखकर कई बार हमें यह जिज्ञासा होती है कि उस पेड़ की उम्र क्या होगी ? ये तो हमारे पूर्वजों के ज़माने का होगा ? उस पेड़ को कब रोपा गया है, ये जानना तो थोड़ा मुश्किल है। पर कुछ  तरीकों के द्वारा हम उसकी उम्र जान सकते हैं|
पेड़ को काट कर या ड्रिल (Increment borer) का इस्तेमाल कर उस पेड़ के तने के छल्लों (चक्रों) को गिना जा सकता है। और इन छल्लों द्वारा हम उस पेड़ की उम्र ज्ञात कर सकते है। पेड़ को काटने का तरीका अपनाना किसी मृत या पहले से कटे हुए पेड़ के लिए ही उचित है।
आइये जानते है कैसे किसी पेड़ की उम्र का पता लगायें।

1.वार्षिक वलय (Annual Ranigs,) को गिन कर पेड़ की उम्र कैसे जानें?

पेड़ को काटकर उसके छल्लों (चक्रों) को गिनें:अगर कोई पेड़ पहले से ही मृत है तो हम उसके खुले भाग पर उभरे हुए छल्लों (चक्रों) को गिन सकते हैं। छल्लों (चक्रों) की संख्या हमें यह बताती है कि उस पेड़ की उम्र कितने साल की रही होगी।ध्यान रखें कि ज़्यादातर पेड़ सालाना दो रंग के (दोरंगे) छल्ले (चक्र) बनाते हैं| हर साल बने एक छल्ले (चक्र) में पतली पट्टी फ़्लोएम (phloem) और मोटी वाली पट्टी ज़ाइलेम (xylem) होती है| पतली पट्टियां साल के ठंढे और मोटी पट्टियां साल के गर्म दिनों को दर्शाती हैं। किसी पेड़ पर बने छल्लों को वार्षिक वलय (Annual Rings) कहते है।

वार्षिक वलय (Annual Rings) क्या है?


तना और शाखाएँ केवल अगले सिरे की ओर ही बढ़ते हैं। अत: उनका सबसे पुराना भाग नीचे की ओर आधार पर होता है और सबसे नया भाग अगले सिर पर, किंतु अगले सिरों पर वृद्धि पूर्ण हो जाने पर भी इनकी मोटाई में प्रति वर्ष वृद्धि होती रह सकती है और नई लकड़ी तैयार होती रह सकती है। इस वृद्धि का मूलाधार छाल और लकड़ी के बीच मौजूद एधा (Cambium) नाम की अत्यंत पतली परत है। एधा पहले से मौजूद लकड़ी के बाहर नई परत जमा करती रहती है। शीत एवं शीतोष्ण प्रदेशों में यह क्रिया केवल बसंत और ग्रीष्म के कुछ काल में होती है और जाड़े, या पतझड़ में एधा निष्क्रिय रहती है। इसलिए वर्ष के आरंभ में उत्पन्न लकड़ी से बाद में उत्पन्न लकड़ी भिन्न होती है। फलत: प्रत्येक वर्ष की लकड़ी एक छल्ले के रूप में अलग रहती है। ये छल्ले वार्षिक वलय(annual rings) कहलाते हैं और लकड़ी को आड़ी काटने पर स्पष्ट देखे जा सकते हैं।
इन्हें गिनकर कटे हुए पेड़ की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।

2. ड्रिल (Increment borer) का इस्तेमाल कर पेड़ो की उम्र जनना
एक ड्रिल (Increment borer) के द्वारा हम पेड़ की छाल से उसके डंठल के बीचो-बीच (केंद्र तक) छेद कर एक छोटा नमूना (sample) निकाल सकते हैं| इस तरीके से पेड़ को बिना काटे ही हम उसके छल्लों (चक्रों) को आसानी से गिन सकते हैं| ड्रिल (Increment borer) की लंबाई कम-से-कम पेड़ के व्यास के 75 प्रतिशत तक होनी चाहिए।ड्रिल (Increment borer) को ज़मीन से छाती की औसत ऊँचाई पर टिकायें।
ड्रिल (Increment borer) की मदद से पेड़ में बीच तक छेद कर एक नमूना (sample) निकाल लें|

यह जाँचें कि नमूने (sample) में पेड़ के बीचो-बीच के डंठल का भाग लिया गया है या नहीं। अगर नहीं, तो फ़िर से छेद करें।

ड्रिल (Increment borer) में दिख रहे छल्लों (चक्रों) को गिनें जितने छल्ले होंगे पेड़ की उम्र भी उतने वर्ष होगी।

नोट-
ऐसा जरूरी नहीं है कि पेड़ में हर साल एक रिंग ही बने। मौसम में बदलाव, मिट्टी की किस्म और ऐसे ही कई कारण हैं जो रिंग के बनने या न बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


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