परीक्षा प्रबंधन
एवं परीक्षा की तैयारी
Om Prakash Patidar
परीक्षा
प्रबंधन क्या है? विज्ञान में अच्छे अंक लाने के विज्ञान के कुछ टिप्स जो बच्चों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी.
परीक्षा
प्रबंधन
परीक्षा
जीवन में जरूरी हैं लेकिन जीवन से जरूरी नही है। परीक्षा की चिंता परीक्षा में
नुकसान दायक हो सकती है। अतः प्रसन्न मन से परीक्षा की तैयारी करे। परीक्षा सिर्फ
रटकर उत्तीर्ण नही की जा सकती है बल्कि परीक्षा में बेहतर परीक्षा प्रबन्धत द्वारा
अच्छे नम्बरों से उत्तीर्ण की जाती है। परीक्षा के बेहतर प्रबंधन के लिए परीक्षा
से एक रात्रि पूर्व, परीक्षा दिनांक की सुबह, परीक्षा के
दौरान तथा परीक्षा समाप्ति के बाद के बिन्दुओ का ध्यान रखे फिर देखिये आपको उम्मीद
से ज्यादा ही अंक मिलेगें। यह प्रमुख बिन्दु निम्नानुसार है-
परीक्षा
दिनांक के एक रात्रि पूर्व क्या करें?
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पुनरावत्ति पूर्ण कर किताब बंद कर
पर्याप्त नींद ले।
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रात्रि में जल्दी सोवें एवं अगले दिन
जल्दी उठें।
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स्कूल यूनिफार्म जूते मोजे पहले से
तैयार रखे।
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परीक्षा सामग्री जेसे प्रवेश पत्र,
पेन्सिल,
शार्पनर
इरेजन एग्जाम पैड, कम से तीन नीले तथा दो काले कलर के बिना रूके
लिखने वाले पेन आदि पेन्सिल बाॅक्स में तैयार कर रखे।
परीक्षा
दिनांक की सुबह क्या करें?
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प्रातः जल्दी उठें।
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एक बार प्रमुख बिन्दुओं की पुनरावत्ति
करें।
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तजा एवं हल्का नास्ता करें।
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नयी सामग्री का अध्ययन न करें।
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मोबाइल फोन एवं उटपटांग मित्रों से
दूरी रखे।।
परीक्षा
के दौरान क्या करे?
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परीक्षा पहले दिन समय आधा घण्टे एवं
शेष दिनों में 15 मिनट पहले पहुचें।
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परीक्षा हाल में शान्त चित्त बैठे।
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मित्रों से मौखिक एवं इषारे में बात न
करें।
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उत्तर पुस्तिका पहले प्राप्त होगी अतः
उसमें सभी प्रविष्टियां साफ अक्षरों में कर लेवें।
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प्रष्न पत्र प्राप्त होते ही पहले उसको
अच्छी तरह से पढें।
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समय को ध्यान में रखते हुए पहले उन
प्रष्नों को हल करे जो आपको अच्छे से आते है।
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काॅपी में ज्यादा पास-पास या ज्यादा दूर-दूर
न लिखे।
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यदि चित्र बनाने की आवष्यकता होतो
अवष्य बनाये एवं साफ-सूथरे बनायें।
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उत्तर पुस्तिका में अवांछित बाते नही
लिखें।
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परीक्षा समाप्ति के पहले काॅपी देने के
पहले अपने उत्तरों की जाॅच जरूर करे।
परीक्षा
समाप्ति के बाद क्या करें?
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जो प्रष्न पत्र हो चुका है उस पर
ज्यादा चर्चा न करें।
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आपने जो लिखा हें यदि उसमें कुछ छुट
गया है तो उसकी चिंता न करते हुए अगले विषय पर ध्यान केन्द्रित करें।
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घर आकर प्रष्न पत्र के उत्तर न मिलाये।
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ताजा भोजन लेकर आराम करे और अगले
प्रष्न पत्र की तैयारी करें।
हाई
स्कूल परीक्षा विज्ञान विषय की तैयारी
माध्यमिक
षिक्षा मण्डल की कक्षा 10वी की परीक्षा 5 मार्च से
प्रारम्भ होकर 27 मार्च तक चलेगी पहला ओर अन्तिम दो प्रष्नपत्र
भाषा के है, इन विषयोें में पर्याप्त अन्तराल होने से इनकी
तैयारी का पर्याप्त समय मिल रहा है। गणित ओर अंग्रेजी फूल स्कोरिग विषय मानें जाते
है। इस बार सबसे कम अन्तराल विज्ञान विषय में है। विज्ञान विषय में की तैयारी ठीक से की जावे व उत्तर
लिखते समय स्चच्छ व नामांकित चित्र बनाये तो विज्ञान विषय भी बहुत अच्छे अंक
प्राप्त हो सकते है। पाटीदार के अनुसार
विज्ञान विषय के ब्लू प्रिंट के अनुसार-
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अंको के प्रष्न रासायनिक अभिक्रिया, जैविक प्रक्रियाए, पोषण,
श्वसन,
परिवहन
एवं उत्सर्जन वाले चेप्टर से आयेगें। इनमें अम्ल एवं क्षार में अन्तर, अनुत्क्रमणीय
एवं उत्क्रमणीय अभिक्रया में अन्तर, इस्पात का कठारीकरण एव तापानुषीतन,
सीमेन्ट,
बेकिंग
सोड़ा, धावन सोड़ा, विरंजक चूर्ण तथा प्लास्टर आॅफ पेरिस
से समन्धित प्रष्न आने की सम्भावना अधिक रहती है। इसी प्रकार जैविक प्रक्रियाए
वाली ईकाइ से मानव पाचन तन्त्र, उत्सर्जन तन्त्र, नेफ्रान की रचना, वक्क
की संरचना, हद्य की संरचना तंत्रिका कोषिका की संरचना एव
नामांकेत चित्र, प्रतिवर्ती क्रिय का सचित्र वर्णन तथा श्वसन
एवं श्वासोच्छवास, आक्सी एवं अनाक्सी श्वसन, धमनी
एवं षिरा में अन्तर के प्रष्न आने की सम्भावना अधिक रहती है।
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इसी प्रकार प्रकाष, विद्युत,
ऊर्जा
के स्त्रोत, प्रजनन, वृद्धि एवं
कार्बन के योगिक वाली ईकाइयों से चार अंक के प्रष्न आयेगें। इन ईकाइयों में प्रकाष
सम्बन्धी चित्रों, किरण आरेख एवं विद्युत परिपथ बनाने का अभ्यास
अच्छे से करे व उनके नामांेकन अच्छे से करे। आरेख बनाते समय लगने वाले तीरों की दिशा
का विशेष ध्यान रखे।
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परीक्षा में पूछे जाने वालेप्रश्नों में
विद्युत लेपन, क्रियात्मक समूह, लेंस की क्षमता,
ओम
का नियम का सत्यापन, विद्युत विभव, नेत्र दोष,
वर्ण
विक्षेपण प्रमुख हे इनकी पुनरावृत्ति अवष्य करे।
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प्रकाष का परावर्तन, वास्तविक
एवं आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर, प्रतिरोधों का संयोजन, विद्युत
लेपन, शुष्क सेल, विद्युत मोटर, एसीटिक अम्ल
बनाने की शीघ्र सिरका विधि, रजत दर्पण परीक्षण आदि प्रष्न भी पिछले
वषों में लगातार पूछे जाते रहे है। इनका अभ्यास अवष्य करें।
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ब्रहाण्ड वाले चेप्टर से वस्तुनिष्ठ
एवं अतिलघुउत्तरीय प्रष्न आयेंगे अतः पाठ के अन्त मे दिये गये वहुविकल्पीय प्रष्न
एवं स्मरणीय बिन्दुओं की पुनरावृत्ति अवष्य कर ले।
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पिछले वर्षो में पूछे गये प्रष्नों पर
ज्यादा फोकर करे। यही प्रष्न ज्यादातर वर्षो में पूछे जाते रहे है।
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यदि आपकी तैयारी अपेक्षाकृत अच्छी नही
है तो चिन्ता न करे। चिन्ता व तनाव की स्थिति में पढा हुआ भी याद नही रह पाता। जो
पढा हे उसकी पुनरावृत्ति कर परीक्षा में उसे ही शान्त मन से अच्छे से लिखे।