आखिर कुत्ते जीभ बाहर निकाल कर क्यों हाँफते रहते है?
कुत्ता अपनी वफादारी के लिए बहुत जाना जाता है। कुत्ते के बारे में वैसे तो आप बहुत कुछ जानते होंगे पर क्या आपने कभी गौर किया है कि कुत्ता जब भी थक कर या गर्मी से हाँफ रहा हो तो उसकी जीभ बाहर निकली रहती है, वह ऐसे ही क्यो हाँफता रहता है?
आपने अक्सर देखा होगा कि गर्मीयों के मौसम में कुत्ते अपनी जीभ बाहर निकालकर हॉफते रहते हैं पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों अगर नहींं तो आइये जानते हैं ऐसा क्यों?
कुत्ते जीभ बाहर निकाल कर क्यों हाँफते रहते है ? का सीधा साधा और दो टूक जवाब तो ये कहा जा सकता है कि कुत्तों को पसीना अपेक्षाकृत अन्य स्तनपाईयों के कम आता है तो ऐसे मे उसकी जीभ उसको शीतलता प्रदान करने महत्वपूर्ण कार्य करती है।
पसीना और गर्मी में क्या संबंध है?
कुत्ता एक स्तनधारी प्राणी है जो हमारी ही तरह गर्म खून का प्राणी है | पाचन क्रिया के दौरान स्तनधारियों के शरीर मे ऊष्मा पैदा होती है खासकर ग्रीष्म मौसम मे बहार का तापमान भी ज्यादा होने के कारण शरीर मे कुल ऊष्मा बढ़ जाती है जिसका निष्काषन होना आवश्यक है।ऐसी स्थिति मे त्वचा पर उपस्थित पसीने की ग्रंथियों से पसीना निकलता है और वाष्पोत्सर्जन की क्रियाके फलस्वरूप त्वचा पर ठण्डक पैदा होती है। जिस तरह से मटके की सतह पर वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती है उस सतह का तापमान कम हो जाता है। ठीक उसी तरह पसीना आने से शरीर का तापमान कम हो जाता है। और शरीर की अतिरिक्त ऊष्मा कम हो जाती है व शरीर ठंडा हो जाता है।
गर्मियों के मौसम में कुत्ते जीभ बाहर क्यों निकाल लेते हैं ?
कुत्तों के शरीर मे इन स्वेद ग्रन्थियों की कमी होती है ऐसी स्तिथि मे कुत्ता नाक से सांस ले कर मुहँ से बाहर निकालता जाता है जिस कारण जीभ पर लार के वाष्पोत्सर्जन की दर तेज हो जाती है और जीभ तेज़ी से ठण्डी होती है जो जीभ से गुजर रहे खून को ठण्डा करती है जिस से कुत्ते को शीतलता प्राप्त होती है। यही कारण है कि गर्मियों के मौसम में कुत्ते जीभ बाहर निकाल कर हाँफते रहते हैं।
गर्मी के मौसम में कुत्ते नाली या पानी मे लेटे रहते है जिसे उनके बाल गीले हो जाते है और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया तेज हो जाती है। और उनको ठंडक मिलती रहती है?
संकलन-
ओम प्रकाश पाटीदार
शाजापुर