सोते समय मुंह से लार (Saliva) क्यो निकलती है?

सोते समय मुंह से लार क्यो निकलती है?
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Om Prakash Patidar

लार (Saliva) भोजन के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लार में एमाइलेज नामक पाचक पाया जाता है जो भोजन में उपस्थित स्टार्च को शर्करा में बदल देता है।

हमारे मुह में पायी जाने वाली लार ग्रंथियों से लार का स्त्रावण होता रहता है। कई बार जब हम सोते है तब मुह से लार निकलने लगती है जिससे हमें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। कभी कभी तो कुछ लोगो (विशेषकर छोटे बच्चों का) तकिया लार से भींग जाता है।

नींद और लार का क्या है संबंध?

जब कोई बच्चा गहरी नींद से सोकर उठता है तो उसके मुंह के किनारे से लार की पतली सी धार बह रही होती है। हालांकि सोते हुए लोगों के मुंह से लार बहना बहुत आम बात है लेकिन कई बार ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी होता है।

जब हम नींद में होते हैं तो चेहरे की नसें आराम के मूड में होती हैं। इसलिए ऐसे में जब लार के ग्लैंड्स लार तैयार करते हैं तो वो बहने लग जाती है क्योंकि सोते समय हम उसे निगलते नहीं हैं। इस कारण रात को सोते समय अधिक लार बहती है।
अगर आपकी सोते हुए लार बहती है तो आपने देखा होगा कि लार आमतौर पर तभी बहती है जब आप करवट लेकर सोते हो।

मुंह में लार आने के कारण:-

अक्सर हम देखते है कि कई बच्चे जब सोकर उठते है तो उनकी मुंह से लार बह रही होती है। ये समस्या बच्चों में नहीं बल्कि बड़ो में भी देखी जाती है। लोगो के मुंह में असामान्य रूप से अत्यधिक लार आने के कई कारण हो सकते हैं ये प्रमुख निम्नलिखित है-

खान-पान में गड़बड़ी

खान -पान में अनिमितता के कारण भी मुंह में लार आनी शुरू हो जाती है। बासी भोजन खाने से पेट में एसीडीटी बननी शुरू हो जाती है। खाना आसानी से नहीं पचता, जिससे पेट में गड़बड़ी हो जाती है और मुंह में लार बननी शुरू हो जाती है।

एलर्जी

मौसम में बदलाव के कारण एलर्जी हो जाती है, जिससे नाक बंद हो जाती है।  इस कारण सोते समय मुंह से सांस लेनी पड़ती है और लार निकलनी शुरू हो जाती है।
खाने पीने की चीजों से होने वाली एलर्जी और नाक से संबंधित एलर्जी की वजह से लार का अधिक निर्माण हो सकता है और वो बह सकती है। शरीर में लार बनाने वाले अलग से ग्लैंड्स होते हैं। सोते समय जागते समय की अपेक्षा अधिक लार का निर्माण होता है।


एसीडिटी

वैज्ञानिकों का मानना है कि एसिड रिफ्लक्स एपीसोड्स के कारण गेस्ट्रिक एसिड होता है। इससे एसोफागोसलाइवरी उत्तेजित होता है और बहुत अधिक लार बनने लगती है।

साइनस इंफेक्शन

श्वास नलिका के संक्रमण आमतौर पर सांस लेने और निगलने की समस्याओं से जुड़े होते हैं। इन समस्याओं में लार जमा हो जाने से मुंह से बहने लगती है। फ्लू के कारण जब नाक बंद होती है तो आप खासतौर पर रात को अपने मुंह से सांस लेते हैं और ऐसे में आपके मुंह से लार बहने लगती है।

टोंसिलाइटिस

टोंसिल्स ग्लैंड्स गले के पीछे मौजूद होते हैं, जिनमें सूजन आ जाने से टोंसिलाइटिस हो सकता है। सूजन की वजह से गले का रास्ता छोटा हो जाता है जिससे लार गले से उतर नहीं पाती और मुंह से बहने लग जाती है।

सोते हुए डरना

कुछ लोगों को सोते हुए डर लगता है। इस समस्या का एक लक्षण लार बहना भी है। युवाओं में साइकोपैथोलॉजिकल कारण से ये समस्या होती हैं। ऐसा उनके भावनात्मक तनाव में होने के कारण, ड्रग्स या एल्कोहल लेने के कारण और नींद की कमी के कारण भी हो सका है। इसके इलावा कई बार नींद से जुड़ी अन्य समस्याओं जैसे नींद में चलना, नींद में बात करना आदि में भी लार बहती है।

ड्रग्स और केमिकल्स

ड्रग्स और केमिकल्स के कारण भी लार का निर्माण होता है। अगर आप कोई दवाई या ड्रग्स ले रहे हैं तो सोते हुए लार बहना आपके लिए बहुत आम बात हो सकती है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट और दवाएं जैसे कि मॉर्फिन, पिलोकार्पिन आदि लार का निर्माण बढ़ा देती हैं।

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