फूलों की सुंदरता बच्चे हों या बड़े, सभी को लुभाती है। अलग-अलग रंग के फूल हर किसी का मन मोह लेते हैं। पर क्या कभी आपने सोचा है कि फूल रंग-बिरंगे क्यो होते हैं? क्या केवल हमारे या कीट-पतंगों के काम आने के लिए ही फूलों की पंखुड़ियां रंग-बिरंगी होती हैं?
फूलों के यह रंग इंसानों या कीट-पतंगों को लुभाने के लिए ही होते हैं। वैसे, आम लोगों की सोच यही होती है कि पौधों लिए क्लोरोफिल ही सबसे जरूरी वर्णक होता है क्योंकि इन्हीं की मदद से पेड़-पौधों में प्रकाश संश्लेषण (जिस क्रिया से पौधे अपना खाना ग्लूकोज के रूप में तैयार करते हैं) को पूरा करते हैं। तो फिर उन दूसरों रंगों का क्या काम?
हम जानते हैं कि एक पौधे से दूसरा पौधा किस तरह बनता है या फिर पौधे में फल किस तरह बनते हैं?
पौधों में लैंगिक प्रजनन होता है , इस प्रक्रिया में नर पुष्प एवं मादा पुष्प में बने गेमीट्स आपस मे मिलते है, जिससे भ्रूण का विकास होकर बीज बनते है।
नर पुष्प में बने गेमीट्स (परागकण) किसी माध्यम द्वारा मादा पुष्प तक पहुचते है, इस प्रक्रिया को परागण (Polination) कहते है। परागण की क्रिया जल,वायु तथा कीटो के द्वारा होने वाले परागण को कीट-परागण कहते है।
कीट-परागण के लिए कीट(insects) या पक्षी नर एवं मादा पुष्प की और फूलो के चटकीले रंग और खुशबू से आकर्षित होकर पहुचते है। और इस क्रिया को पूर्ण करते है।
इन सब कारणों के लिए पुष्प चटकीले रंग वाले व खुशबूदार होते है।।
पौधों में लैंगिक प्रजनन होता है , इस प्रक्रिया में नर पुष्प एवं मादा पुष्प में बने गेमीट्स आपस मे मिलते है, जिससे भ्रूण का विकास होकर बीज बनते है।
नर पुष्प में बने गेमीट्स (परागकण) किसी माध्यम द्वारा मादा पुष्प तक पहुचते है, इस प्रक्रिया को परागण (Polination) कहते है। परागण की क्रिया जल,वायु तथा कीटो के द्वारा होने वाले परागण को कीट-परागण कहते है।
कीट-परागण के लिए कीट(insects) या पक्षी नर एवं मादा पुष्प की और फूलो के चटकीले रंग और खुशबू से आकर्षित होकर पहुचते है। और इस क्रिया को पूर्ण करते है।
इन सब कारणों के लिए पुष्प चटकीले रंग वाले व खुशबूदार होते है।।