Why oxygen gas circulating within water filled bottel before given to the patient?
Om Prakash Patidar
अस्पतालों में रोगी को कृतिम ऑक्सीजन देते समय ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन को एक पाइप द्वारा पहले पानी की डिबिया में फिर उसके बाद रोगी को दिया जाता है।
आपके मन मे प्रश्न आया होगा कि ऑक्सीजन को पानी की डिबिया से प्रवाहित करने की क्या आवश्यकता है?
आइये जानने का प्रयास करते है।।
अस्पतालों में ऑक्सीजन को उच्च प्रवाह प्रणाली का उपयोग करके वितरित किया जा सकता है। इस दौरान ऑक्सीजन शुष्क (dry) हो जाती है। जब यह शुष्क ऑक्सीजन रोगी को दी जाती है तो रोगी के श्वसन तंत्र की श्लेष्मा झिल्ली पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप वायुमार्ग क्षति होती है। स्राव गाढ़ा और मुश्किल हो सकता है और वायुमार्ग अवरोध का कारण बन सकता है। इसके साथ ही गैस के प्रवाह / गति की जांच करने के लिए भी पानी की डिबिया उपयोगी होती है, डिबिया लगी होने के कारण ऑक्सीजन पाइप को सीधे नही डाला जाता है। यदि यह डिबिया न लगाई जाए तो पाइप को सीधे मास्क के माध्यम से नाक में डाला जाना है।
इसी समस्या से बचने के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन लगाते ऑक्सीजन गैस को पानी से भरी डिब्बी से प्रवाहित कर रोगी को दिया जाता है।
इस क्रिया को नमी करण ( Humidification) कहते है।
इसी समस्या से बचने के लिए अस्पतालों में ऑक्सीजन लगाते ऑक्सीजन गैस को पानी से भरी डिब्बी से प्रवाहित कर रोगी को दिया जाता है।
इस क्रिया को नमी करण ( Humidification) कहते है।
Very useful information
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सर, ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में भी और अधिक जानकारी होती तो और अच्छा होता |
जवाब देंहटाएं#biologyextra
बहुत बढ़िया सर, ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में भी और अधिक जानकारी होती तो और अच्छा होता |
जवाब देंहटाएं#biologyextra
बहुत बढ़िया जानकारी पाटीदार जी।
जवाब देंहटाएंNice 👍
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत उपयोगी जानकारी हैं सर 🙏💐👍
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