Om PrakashPatidar
जब हम किसी कार्यक्रम में लंबे समय तक बैठे रहते है, या कहे कि उस कार्यक्रम से थोड़े उबाऊ (Boaring) हो जातेहै
या हमें नींद आ रही होती है तो हमें उबासी (जम्हाई) आने लगती है। आपके मन मे भी उबासी लेते समय मन मे विचार अयहोग की-
उबासी (जम्हाई) क्यों आती हैं?
जब हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है तो हमें थकान होेनेे लगती है और हमें उबासी आने लगती है। शरीर मे ऑक्सीजन की पूर्ती करने के लिए हम जम्हाई के द्वारा फेफडों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुॅुॅचाते हैं। इस क्रिया द्वारा हम अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन अपने अंदर लेते हैं जिससे हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की पूर्ती हो जाती हैं।
क्या उबासी होना या जम्हाई लेना संक्रामक क्रिया है?
ऐसा माना जाता है कि जम्हाई एक ऐसी क्रिया है जो दूसरों को देखने पर भी आ जाती है। जब भी हम उबासी लेते है तो कोई दूसरा भी उसको देखकर उबासी लेना चालू कर देता है ऐसा इसीलिए होता है की उबासी लेते समय हमारे शरीर में ह्यूमन मिरर न्यूट्रॉन सिस्टम (Human mirror netron system) सक्रीय हो जाता है जो एक दुसरे के द्वारा किये गये काम या व्यव्हार को करने की नक़ल करता है।
मनुष्य के अतिरिक्त बंदर सहित बहुत से जवम पाया जाता है।