राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC)-2020-21
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एन.सी.एस.टी.सी), डी. एस. टी, भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। एन.सी.एस.टी.सी, भारत सरकार द्वारा चयनित मुख्य कथानक एवं उप कथानक, जो दो वर्ष के लिये घोषित की जाती है, से संबंधित विषयों पर बच्चे परियोजना का निर्माण करते हैं। चयनित बाल वैज्ञानिक प्रतिवर्ष 27 दिसंबर से 31 दिसंबर की अवधि में चयनित स्थानों में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेते हैं।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के उद्देश्य:
- बच्चों को एक मंच प्रदान करना जहां वे अपनी जिज्ञासा को आगे बढ़ा सके और रचनात्मक कार्य करने की प्यास बुझा सके।
- भौतिक और सामाजिक वातावरण के परिपेक्ष्य में स्कूलों में पढ़ाने व सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव करना।
- बच्चों को राष्ट्र के भविष्य की कल्पना करने और संवेदनशील, जिम्मेदार नागरिकों की एक पीढ़ी बनाने में मदद करने के लिये प्रोत्साहित करना।
- वैज्ञानिक चेतना को झंझकोरता है तथा प्रयोग, आंकड़ा संकलन, शोध विश्लेषण एवं नवाचारयुक्त प्रक्रिया से परिणाम तक पहुंचने हेतु प्रेरित करना।
- बाल विज्ञान कांग्रेस के मुख्य कथानक विविध हैं, जो राष्ट्रीय महत्व के हैं ।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजनाओं की प्रकृति:
- नवाचारयुक्त, साद्गीयुक्त एवं व्यवहारिक हो।
- सामूहिक कार्य दर्शायें।
- रोजमर्रा जिन्दगी के अन्वेषण पर आधारित हों।
- क्षेत्र आधारित आंकड़े सम्मिलित हों।
- वैज्ञानिक विधि पर आधारित निश्चित निष्कर्ष हों।
- सामुदायिक क्रिया / कार्य से संबंध रखता हो।
- इसकी निश्चित अनुवर्ती योजना (Follow-up plans) हो।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए पात्रता:
राबाविका में 10-17 वर्ष के (31 दिसंबर को) युवा वैज्ञानिक भाग ले सकते हैं। यह कार्यक्रम सिर्फ विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि ऐसे बच्चे जो विद्यालय छोड़ चुके हैं या हाशिए पर खड़े जन-समूह के हैं, भी इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2020 का आयोजन:
भारत सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रतिवर्ष 10 से 17 आयु वर्ष के बच्चो के लिए आयोजित NCSC -2020-21 हेतु COVID-19 महामारी को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये है-
1. परियोजना एक बच्चा भी बना सकता है, उसके लिए 2 की टीम की अनिवार्यता नही होगी ।
2. परियेाजना को अपने घर में रहकर या अपने अभिभावकों की अनुमति से विद्यालय परिसर/फील्ड में तैयार किया जा सकता है।
3.प्रस्तुतिकरण हेतु 8 मिनिट का समय होगा । बच्चे परियोजना प्रस्तुतिकरण हेतु 8 मिनिट का विडियों बनाकर भेजे। यह वीडियो जिला समन्वयक/जिला प्रतिनिधि तक 31 दिसंबर 2020 तक अनिवार्य रूप से पहुंच जाना चाहिए।
4. जिला स्तर पर प्राप्त सभी विडियों के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेगें। तथा इनमें से दो जूनीयर एवं तीन सीनियर (कुल पाॅच) परियोजना का चयन राज्य स्तरीय आयोजन के लिए किया जायेगा।
5.राज्य स्तरीय आयोजन जनवरी-2021 के द्वितीय सप्ताह में होगा इसमें भी प्रस्तुतिकरण विडियों के माध्यम से होगा तथा मूल्यांकन लिखित रिपोर्ट तथा विडियों प्रस्तुतिकरण के आधार पर किया जायेगा।
6. राष्ट्रीय आयोजन की तिथि अभी निर्धारित नही है, प्राप्त होते ही शीघ्र सूचना दी जायेगी।
नोट - NCSC में 10 से 17 वर्ष आयु समूह के बाल वैज्ञानिक भाग ले सकेंगे।
NCSC-2020-21 में सहभागिता करने वाले बच्चों का जन्म 31/12/2003 से 31/12/2010 के मध्य होना चाहिए।
यह गतिविधि दो समूह में होती है।
जूनियर समूह (10-14)- के लिए जन्म तिथि 31/12/2006 से 31/12/2010 के मध्य तथा
सीनियर समूह (14-17)- के लिए जन्म तिथि 31/12/2003 से 31/12/2006 के मध्य होना चाहिए।
पंजीयन-
10 से 17 आयु समूह के छात्र-छात्रा इस लिंक पर जाकर अपना पंजीयन करे
पंजीयन पश्चात अपने प्रोजेक्ट को प्रस्तुत करते हुए 8 मिनिट का वीडियो बना कर अपने जिले के समन्वयक को भेजे।
NCSC में पंजीयन कैसे करे जानने के लिए वीडियो देखें
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस
जवाब देंहटाएंबाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करने, उनकी रचनात्मकता को उजागर करने एवं उनकी कल्पना को साकार करने का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एन.सी.एस.टी.सी), डी. एस. टी, भारत सरकार द्वारा उत्प्रेरित एवं प्रायोजित है। एन.सी.एस.टी.सी, भारत सरकार द्वारा चयनित मुख्य कथानक एवं उप कथानक, जो दो वर्ष के लिये घोषित की जाती है, से संबंधित विषयों पर बच्चे परियोजना का निर्माण करते हैं। चयनित बाल वैज्ञानिक प्रतिवर्ष 27 दिसंबर से 31 दिसंबर की अवधि में चयनित स्थानों में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेते हैं।
कार्यक्रम को इस उद्देश्य से परिकल्पित किया गया है:
बच्चों को एक मंच प्रदान करना जहां वे अपनी जिज्ञासा को आगे बढ़ा सके और रचनात्मक कार्य करने की प्यास बुझा सके।
भौतिक और सामाजिक वातावरण के परिपेक्ष्य में स्कूलों में पढ़ाने व सिखाने की प्रक्रिया में बदलाव करना।
बच्चों को राष्ट्र के भविष्य की कल्पना करने और संवेदनशील, जिम्मेदार नागरिकों की एक पीढ़ी बनाने में मदद करने के लिये प्रोत्साहित करना।
वैज्ञानिक चेतना को झंझकोरता है तथा प्रयोग, आंकड़ा संकलन, शोध विश्लेषण एवं नवाचारयुक्त प्रक्रिया से परिणाम तक पहुंचने हेतु प्रेरित करना।
बाल विज्ञान कांग्रेस के मुख्य कथानक विविध हैं, जो राष्ट्रीय महत्व के हैं ।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस परियोजनाओं की प्रकृति
नवाचारयुक्त, साद्गीयुक्त एवं व्यवहारिक हो।
सामूहिक कार्य दर्शायें।
रोजमर्रा जिन्दगी के अन्वेषण पर आधारित हों।
क्षेत्र आधारित आंकड़े सम्मिलित हों।
वैज्ञानिक विधि पर आधारित निश्चित निष्कर्ष हों।
सामुदायिक क्रिया / कार्य से संबंध रखता हो।
इसकी निश्चित अनुवर्ती योजना (Follow-up plans) हो।
भाग लेने वालों की पात्रता
राबाविका में 10-17 वर्ष के (31 दिसंबर को) युवा वैज्ञानिक भाग ले सकते हैं। यह कार्यक्रम सिर्फ विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि ऐसे बच्चे जो विद्यालय छोड़ चुके हैं या हाशिए पर खड़े जन-समूह के हैं, भी इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
शोध का क्षेत्र
बाल विज्ञान कांग्रेस हेतु हरेक वर्ष एक मुख्य विषय घोषित किया जाता है। बच्चे मुख्य विषय एवं इसके चिन्हित उपविषयों से जुड़ी हुई परियोजना गतिविधि करते है। गतिविधि मार्गदर्शक पुस्तिका बच्चों एवं मार्गदर्शक शिक्षकों की मदद के लिए उपलब्ध रहती है। बच्चों को समूह (2 या उससे कम) परियोजना गतिविधि, मार्ग दर्शक शिक्षक, वैज्ञानिक, विज्ञान क्लब के संयोजक, स्वयंसेवी संस्थाओं के विज्ञान कर्मी आदि के मार्गदर्शन में संपन्न करते हैं। शिक्षकों/मार्गदर्शकों के लिए हर वर्ष राबाविका के मुख्य विषय पर विशेष दिशा निर्देशन का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य कथानक "Science for Sustainable Living" है।
क्रियाशीलन समय-तालिका
गतिवधि के विषय चुनकर टीम / ग्रुप का पंजीकरण: जून-जुलाई प्रति वर्ष।
मुख्य कथानक तथा उप कथानक से संबंधित परियोजनाओं पर क्रियाशीलनः अगले दो तीन महीनों तक।
जिला स्तरीय सम्मेलन: सितम्बर-अक्टूबर तक।
राज्य स्तरीय सम्मेलन: नवम्बर तक।
राष्ट्रीय सम्मेलन: 27-31 दिसम्बर।
इंडियन साईस कांग्रेस: 03-07 जनवरी।
किशोर वैज्ञानिक सम्मेलन (इंडियन साईस कांग्रेस): 04-06 जनवरी।
परखना / जाँचना
परियोजनायें चुनने का अनुपात निम्नलिखित होना चाहिए:
राष्ट्रीय: राज्य स्तर = 1ः10
राज्य स्तर: जिला स्तर = 1ः15
अर्थात जिला मे प्रेषित 15 में से एक परियोजना राज्य के लिए चयनित होगी
निम्न आयु स्तर (10 से 14 वर्ष तक) एवं उच्च आयु वर्ग (14+ से 17 वर्ष तक) का अनुपात 40: 60 होना चाहिए।
बहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंResult की जानकारी कैसे मिलेगी.
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