पक्षी अपने पंखों में चोंच क्यों मारते हैं?
पक्षियों
को फुदकते हुए या दाना चुगते हुए निहारना हम सभी को अच्छा लगता है। पक्षियों को
निहारते समय संभवतः अपने गौर किया होगा कि पक्षी अपने पंखों में बार-बार चोंच
मारते रहते है। इस दौरान आपके मन में प्रश्न आया होगा कि आखिर ये ऐसा क्यों करते
है? आइये इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास करते है।
पक्षियों
का स्वाभाव होता है कि वह बैठे समय अपने पंखो में चोंच मारते रहते है, फिर उन्हें
फडफ़ड़ाते हैं तथा पंख फडफ़ड़ाने के साथ ही उड़ान भरने लगते हैं। पक्षियों का अपने
पंखों में चोच मारने के पीछे अनेक कारण हो सकते है। पक्षियों द्वारा अपने पंख
कुरेदना पक्षियों का का एक सरल व्यायाम है, पंख कुरदने से उनकी शारीरिक थकान दूर
होती है तथा शरीर में स्फूर्ति भी आती है।
पक्षियों की पीठ पर
पूंछ के निकट तैलीय ग्रन्थियां (Uropygial
Gland या
Preen Gland) होती हैं, जब पक्षी अपनी चोंच से ग्रंथियों को कुरेदता है तो उन
ग्रंथियों से निकलने वाले तेल की कुछ मात्रा पंखों पर फैल जाती है। यह तेल पंखों
को साफ रखने के साथ-साथ चकमदार भी बनाता है। इस तेल के कारण पंखों पर पानी का असर
भी नहीं होता है। इस तेल के कारण पक्षी बरसात के मौसम में भी बिना कोई समस्या के उड़ते
रहते हैं यह ‘तेल’ वर्षा के दौरान पक्षियों के लिए ‘रेनकोट’ का कार्य भी करता
है। इन्ही कारणों से पक्षी अपने पंखों में चोंच मारते हैं।