जैवविविधता क्या है?
जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार "धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिकीय तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे संबंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच विभिन्नता जैवविविधता है।"
भारत की समृद्ध जैवविविधता-
विश्व के समृद्धतम जैव विविधता वाले 17 देशों में भारत भी सम्मिलित है, जिनमें विश्व की लगभग 70 प्रतिशत जैव विविधता विद्यमान है। विश्व के कुल 25 जैव विविधता के सक्रिय केन्द्रों में से दो क्षेत्र पूर्वी हिमालय और पश्चिमी घाट, भारत में है।
विश्व जैव विविधता दिवस
विश्व जैव विविधता दिवस अथवा विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस (International Day for Biological Diversity) प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में '22 मई' को मनाया जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय पर्व है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रारंभ किया था। 1992 में ब्राज़ील के रियो डि जेनेरियो में हुए जैव विविधता सम्मेलन के अनुसार जैव विविधता की परिभाषा इस प्रकार हैः "धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिकीय तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे संबंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच विभिन्नता जैवविविधता है।
महत्त्व
जीवन में जैव विविधता का काफ़ी महत्व है। हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए अवसर प्रदान कर सके। जैव विविधता के कमी होने से प्राकृतिक आपदा, जैसे- बाढ़, सूखा और तूफ़ान आदि आने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। अत: हमारे लिए जैव विविधता का संरक्षण बहुत ज़रूरी है। लाखों विशिष्ट जैविक और कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है। अत: पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर, पठार, समुद्र, नदियां इन सभी प्रकृति की देन का हमें संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए काम आती है।
प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। नैरोबी में 29 दिसंबर, 1992 को हुए जैव विविधता सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया था, किंतु कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया। इसमें विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन के कला शिल्प, संगीत, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों का महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करना है।
जैव विविधता का संरक्षण और उसका टिकाऊ उपयोग, पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ विकास के लिये महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रकार के जीवों की अपनी अलग-अलग भूमिका है, जो प्रकृति को संतुलित रखने तथा हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने, तथा सतत् विकास के लिये संसाधन प्रदान करने में अपना योगदान करती है। जैव विविधता का वाणिज्यिक महत्व, भोजन, औषधियां, ईंधन, औद्योगिक कच्चा माल, रेशम, चमडा, ऊन आदि से हम सब परिचित हैं। इसके पारिस्थितिकी महत्व के रूप में खाद्य श्रृंखला, मृदा की उर्वरता को बनाये रखना, जैविक रूप से सड़ी-गली चीजों का निपटान, भू-क्षरण को रोकने, रेगिस्तान का प्रसार रोकने, प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने एवं पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखने में के रूप में देखा जा सकती है। इसके अलावा जैव विविधता का सामाजिक, नैतिक तथा अन्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष महत्व है, जो हमारे लिये महत्वपूर्ण है।
विश्व जैव विविधता दिवस अथवा विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस (अंग्रेज़ी: International Day for Biological Diversity) प्रतिवर्ष सम्पूर्ण विश्व में '22 मई' को मनाया जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय पर्व है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रारंभ किया था। जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है। 1992 में ब्राज़ील के रियो डि जेनेरियो में हुए जैव विविधता सम्मेलन के अनुसार जैव विविधता की परिभाषा इस प्रकार हैः- "धरातलीय, महासागरीय एवं अन्य जलीय पारिस्थितिकीय तंत्रों में उपस्थित अथवा उससे संबंधित तंत्रों में पाए जाने वाले जीवों के बीच विभिन्नता जैवविविधता है।"
प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जैव विविधता के मुद्दों के बारे में लोगों की समझ और जागरूकता विकसित करने के लिए 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस(International Day for Biological Diversity) मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
International Day for Biological Diversity
प्रत्येक वर्ष 22 मई को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) मनाया जाता है।
थीम:
संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया हर साल 22 मई को जैव विविधता दिवस मनाने का उद्देश्य पृथ्वी पर मौजूद जंतुओं और पौधों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए लोगों में जागरूक और समझ को बढ़ाना है। विश्व वन्यजीव दिवस 2023 की थीम है ” वन्यजीव संरक्षण के लिए साझेदारी है “।
उद्देश्य:
इसका उद्देश्य लोगों में जैव-विविधता के महत्त्व के बारे में जागरूक उत्पन्न करना है।
प्रमुख बिंदु:
अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस को मनाने की शुरुआत 20 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा की गई थी।
22 मई, 1992 को नैरोबी में जैव-विविधता पर अभिसमय (Convention on Biological Diversity- CBD) के पाठ को स्वीकार किया गया था। इसलिये 22 मई को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस मनाया जाता है।
Very nice information
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